दृष्टिहीन निकेत दलाल ने देश के युवाओं के लिए पेश की मिसाल, ये खिताब किया अपने नाम
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दृष्टिहीन निकेत दलाल ने देश के युवाओं के लिए पेश की मिसाल, ये खिताब किया अपने नाम

5 साल पहले ग्लूकोमिया बीमारी की वजह से निकेत ने अपनी दोनों आंखों की रोशनी खो दी थी.

निकेत दलाल अपने साथी के साथ

मुंबई: महाराष्‍ट्र में औरंगाबाद के रहने वाले नेत्रहीन निकेत दलाल को दुबई में आयरन मैन का खिताब दिया गया है. ये खिताब उन्हें साइकिलिंग, रनिंग और स्विमिंग तीनो टास्क को तय समय से भी पहले पूरा करने के लिए मिला है. दरअसल 5 साल पहले ग्लूकोमिया बीमारी की वजह से निकेत ने अपनी दोनों आंखो की रोशनी खो दी थी. निकेत बचपन से ही आयरन मैन का खिताब पाने का सपना देखा करते थे. नेत्रहीन होने के बाद भी उन्होने अपने सपनों को कभी पीछे नहीं छोड़ा. आखिरकार 7 फरवरी को निकेत ने यह रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया.

यहां से किया सफर शुरू
दृष्टिहीन होने की वजह से निकेत हमेशा से चाहते थे कि वो ऐसा काम करें जिससे कि लोगों के लिए मिशाल बनें और लोग उन्हें याद करें. इन्होंने अपने दोस्तों से सुना था कि आयरनमैन का खिताब अब तक देश में किसी भी दृष्टिहीन दिव्यांग को नहीं मिला है. इसके बाद निकेत ने इस पर काफी रिसर्च की. रिसर्च के बाद उन्हें पता चला कि यदि आयरन मैन का खिताब उन्हें मिलता है तो वे दिव्यांगो के साथ ही सामान्य लोगो के लिए भी एक मिशाल बन जाएंगे. इसी के बाद उन्होंने अपना ये सफर शुरू किया.

जल्द करेंगे Mount Everest पर चढ़ाई
निकेत की 5 वर्ष पहले ग्लूकोमिया नामक बीमारी की वजह से आंखों की रोशनी चली गई थी. जिसके बाद निकेत काफी परेशान रहने लगे. आम तौर पर ये माना जाता रहा है कि दिव्यांगजन स्पोर्ट्स में कभी आगे नहीं बढ़ सकते. इसी मिथ को निकेत ने तोड़ा है. अपने CO पार्टनर अरहम शेख के साथ मिलकर निकेत ने साईकलिंग, रनिंग और स्वीमिंग तय समय से कम समय में पूरी कर ये रिकॉर्ड अपने नाम किया है.

इसकी तय समय सीमा 8 घंटे 30 मिनट थी लेकिन 7 घंटे 44 मिनट में ही निकेत ने ये रिकॉर्ड तोड़कर अपने नाम कर लिया. अब निकेत बस यहीं नहीं रुकना चाहते हैं. जल्द ही वो mount everest की चढ़ाई करना चाहते हैं. इसके साथ ही Para olympic में भी भारत का प्रतिनिधित्व करना चाहते हैं. 

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