महाराष्ट्र के इस हत्याकांड पर बन रही है फिल्म, दिल्ली में साजिश बेनकाब करने का दावा
अभिनेता सिद्धांत इस्सर (Siddhant Issar) के मुताबिक दरअसल बॉलीवुड (Bollywood) में बहुसंख्यक आबादी यानी हिंदुओं के मुद्दे इसलिए दब जाते हैं क्योंकि हिंदू (Hindu) बहुत ज्यादा लिबरल हैं और इन को लेकर कोई मुद्दे उठाना नहीं चाहता जो उठाता है उस पर सांप्रदायिकता (Communalism) का ठप्पा लग जाता है.
नई दिल्ली : महाराष्ट्र (Maharashtra)के पालघर में संतो की नृशंस हत्या (2020 Palghar mob lynching) को लेकर संत समाज और मुखर हो गया है. दिल्ली में जुटे अखाड़ों के साधु संतों ने इस बात को लेकर हैरानी जताई है कि जो बॉलीवुड देश में हर छोटी घटना के लिए भी अपनी टीका टिप्पणी या राय जाहिर करता है वह बॉलीवुड और उसके कलाकार इस जघन्य घटना को लेकर चुप्पी साधे रहे. इस मामले को लेकर अब फिल्म कलाकार पुनीत इस्सर, अपने बेटे सिद्धांत के साथ एक फिल्म बना रहे हैं जिसका संगीत दिल्ली में लॉन्च हुआ.
संत समाज की मौजूदगी में शंखनाद
फिल्म के गीत की लॉन्चिंग के दौरान आचार्य और महामंडलेश्वर अवधेशानंद गिरी,अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष स्वामी नरेंद्रानंद गिरी और अखाड़ा परिषद से हरि गिरि जी परमात्मा नंद सरस्वती के साथ ही मंच पर दिल्ली के पूर्व सांसद महेश गिरी भी मौजूद रहे. अखाड़ा परिषद के संतो ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि फिल्म के जरिए पालघर साजिश बेनकाब होगी और संतों को न्याय मिलेगा.
Bollywood में सेलेक्टिव इंटॉलरेंस?
अभिनेता सिद्धांत इस्सर (Siddhant Issar) के मुताबिक दरअसल बॉलीवुड (Bollywood) में बहुसंख्यक आबादी यानी हिंदुओं के मुद्दे इसलिए दब जाते हैं क्योंकि हिंदू (Hindu) बहुत ज्यादा लिबरल हैं और इन को लेकर कोई मुद्दे उठाना नहीं चाहता जो उठाता है उस पर सांप्रदायिकता (Communalism) का ठप्पा लग जाता है. सिद्धांत के मुताबिक पालघर की जघन्य घटना के बाद उन्हें लगा की दुनिया के सामने ना सिर्फ इस घटना की हकीकत सामने आना चाहिए बल्कि साधु संतों का संसार किस तरह से होता है वह भी लोगों को दिखना चाहिए.
'लव जिहाद' से बेटियों को बचाना है
इस मौके पर बीजेपी के पूर्व सांसद महेश गिरी ने कहा की बॉलीवुड में जो फिल्में बनती हैं उनमें हिंदू देवी देवताओं की खराब छवि पेश की जाती है और साथी साधु संतों की भी इस चलन को बदलना जरूरी है इसके साथ ही महेश गिरी ने देश में बल्लभगढ़ में हुई निकिता हत्याकांड का मुद्दा भी उठाया और कहा की एक साजिश के तहत देशभर इस तरह का अभियान चलाया जा रहा है जिसमें हिंदुओं हिंदू लड़कियों को टारगेट किया जा रहा है यह सीधे-सीधे लव जिहाद का मुद्दा है और इसमें साजिश रचने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए.
हिंदुओं से भेदभाव और उत्पीड़न पर चुप्पी
सिद्धांत ने कहा कि अल्पसंख्यकों से जुड़ा कोई मुद्दा होता है या उससे जुड़े मुद्दे पर किसी फिल्म या टेलीविजन सीरीज का निर्माण होता है तो ऐसे मामले में वित्तीय मदद ना सिर्फ मुस्लिम देशों से बल्कि यूरोप से भी बॉलीवुड में मिलती है. लेकिन जब की बात सब देश की बहुसंख्यक आबादी यानी हिंदुओं से जुड़े मुद्दे की आती है तो उस तरह का सहयोग देश में नहीं मिलता.
फिल्म में साधुओं की लिंचिंग और साधु-संतों से जुड़े संसार के साथ ही देश में बढ़ती गौ हत्या के हालात को भी फिल्माया गया है. पुनीत इस्सर के मुताबिक अगले कुछ महीनों में यह फिल्म जनता के सामने होगी.
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