जावेद मुलानी. मुंबई: बॉम्बे हाई कोर्ट (Bombay High Court) ने डॉक्टर पर हमला करने वाले व्यक्ति को जमानत देने के लिए अजीब शर्त रखी है. कोर्ट ने कहा कि जमानत इसी शर्त पर दी जाएगी, जब आरोपी मुख्यमंत्री सहायता कोष में एक लाख रुपए जमा कराएगा.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

बारामती का मामला
महाराष्ट्र के बारामती (Baramati) इलाके के व्यापारी का अस्पताल में कोरोना का इलाज चल रहा था, इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. उस समय, भीड़ ने डॉ सुजीत अडसुल पर हमला किया था. घटना के बाद पुलिस ने मामला दर्ज करके आरोपी शिवाजी जाधव (Shivaji Jadhav) को गिरफ्तार करने की कोशिश की. गिरफ्तारी से बचने के लिए आरोपी ने बारामती कोर्ट में अग्रिम जमानत की अर्जी की, लेकिन कोर्ट ने डॉक्टर पर हमले का समर्थन न करते हुए जमानत अर्जी खारिज कर दी. इसके बाद आरोपी ने जमानत के लिये मुंबई हाई कोर्ट मे अपील की थी.


हाई कोर्ट ने रखी शर्त
मुंबई हाई कोर्ट में न्यायमूर्ति भारती डांगरे (Justice Bharti Dangey) के सामने सुनवाई हुई और कोर्ट ने 25 हजार रूपए पर अग्रिम जमानत मंजूर की. लेकिन इसी के साथ कोर्ट ने कहा कोरोना संकट मे काम करने वाले डॉक्टरों पर हमले का समर्थन नहीं हो सकता. ऐसा कहते हुए आरोपी को मुख्यमंत्री सहायता निधि कोष में एक लाख रुपये जमा करने का आदेश दिया.


दो सप्ताह का समय
हाई कोर्ट ने आरोपी को राशि का भुगतान करने के लिए दो सप्ताह का समय दिया. कोर्ट ने निर्देश दिया है कि जब तक एक लाख रुपये की राशि का भुगतान नहीं किया जाता है, तब तक आरोपी को अग्रिम जमानत नहीं दी जाएगी.