फ्लाइंग ऑफिसर जी नवीन कुमार रेड्डी ने वायुसेना अकादमी के इस बैच में स्वॉर्ड ऑफ ऑनर (SWORD OF HONOUR) जीती है. ये सम्मान उस कैडेट को मिलता है जिसने पूरी ट्रेनिंग के दौरान हर क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया हो.
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हैदराबाद: हैदराबाद के पास डुंडीगल की वायुसेना अकादमी से बेहद मुश्किल ट्रेनिंग पासकर भारतीय वायुसेना में फ्लाइंग ऑफिसर बने जी नवीन कुमार रेड्डी के लिए शनिवार 15 जून 2019 का दिन बेहद खास था. उन्हें दुनिया की सबसे बड़ी वायुसेनाओं में से एक भारतीय वायुसेना के प्रमुख ने अपनी वर्दी से अपने विंग्स निकालकर उन्हें पहनाए. भारतीय सेना के एक सूबेदार (JUNIOR COMMISSIONED OFFICER) के इकलौते बेटे के लिए ये एक ज़िंदगी भर याद रखने वाला पल था, जिसे वायुसेना के अपने पूरे कैरियर में वे गर्व से याद करेंगे. विंग्स किसी कैडेट को तब मिलते हैं जब वो वायुसेना में कमीशन पाता है. इसे वर्दी के सामने पहना जाता है.
वायुसेना प्रमुख बीएस धनोवा सितंबर में रिटायर हो रहे हैं. उन्होंने अपने विंग्स युवा अधिकारी को पहनाते हुए कहा, "मैं सितंबर में अपनी वर्दी उतार रहा हूं तो मेरे विंग्स एक युवक के लिए दे रहा हूं ताकि वो फ्लाइंग की चुनौतियों और कसौटियों पर खरा उतर सके." फ्लाइंग ऑफिसर जी नवीन कुमार रेड्डी ने वायुसेना अकादमी के इस बैच में स्वॉर्ड ऑफ ऑनर (SWORD OF HONOUR) जीती है. ये सम्मान उस कैडेट को मिलता है जिसने पूरी ट्रेनिंग के दौरान हर क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया हो. इसमें राष्ट्रपति की तरफ से सम्मान पट्टिका (PLAQUE) के साथ वायुसेना प्रमुख के हाथों एक तलवार मिलती है. लेकिन फ्लाइंग ऑफिसर रेड्डी को इसके साथ जो मिला उसकी किसी ने कल्पना नहीं की थी.
फ्लाइंग ऑफिसर जी नवीन कुमार रेड्डी के पिता जी पुल्ला रेड्डी भारतीय सेना में सूबेदार हैं. उनकी हमेशा से तमन्ना थी कि उनका बेटा भारतीय सेना में अफसर बने. इसीलिए उन्होने अपने बेटे को आंध्रप्रदेश के विजियानगरम जिले के कोरूकोंडा सैनिक स्कूल में भर्ती कराया. समारोह में मौजूद एक अधिकारी ने कहा कि वायुसेना प्रमुख का ये क़दम हर वायुसैनिक को प्रेरणा देगा. पिछले कुछ दिनों में भारतीय वायुसेना अच्छे और बुरे दोनों दौर से गुज़री है.
वायुसेना ने पुलवामा में हुए आतंकवादी हमलों का बदला लेने के लिए 26 फरवरी को पाकिस्तान के अंदर घुसकर आतंकवादियों के कैंप तबाह किए. लेकिन इसके अगले ही दिन पाकिस्तानी विमानों के हमले में वायुसेना को अपना एक फ़ाइटर जेट खोना पड़ा और एक पायलट को पाकिस्तान ने युद्धबंदी बना लिया. भारतीय वायुसेना का एक हेलीकॉप्टर भी इसी दौरान गिर गया और इसमें 6 लोगों की जान चली गई. 3 जून को वायुसेना के एक एयरक्राफ्ट अरुणाचल प्रदेश में गिर गया और इसमें सवार 13 वायुसेनाकर्मी मारे गए.