सोना तो दूर ब्रश तक न करने दिया... लेकिन BSF जवान पूर्णम का हौसला न तोड़ सका पाकिस्तान, जुल्म की कहानियां सुनकर खौल उठेगा खून
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सोना तो दूर ब्रश तक न करने दिया... लेकिन BSF जवान पूर्णम का हौसला न तोड़ सका पाकिस्तान, जुल्म की कहानियां सुनकर खौल उठेगा खून

BSF Jawan Purnam Kumar: बीएसएफ के जवान पूर्णम कुमार पाकिस्तान की कैद में 21 दिन रहे. उनके ऊपर बीते जुल्म की कहानियां सुनकर आपका खून भी खौल उठेगा. पाकिस्तानी कैद में दी जाने वाली यातनाओं को याद करते हुए बीएसएफ जवान पूर्णम ने कहा उन्हें जासूस समझकर टॉर्चर किया गया.

 

सोना तो दूर ब्रश तक न करने दिया... लेकिन BSF जवान पूर्णम का हौसला न तोड़ सका पाकिस्तान, जुल्म की कहानियां सुनकर खौल उठेगा खून

BSF Jawan news: ड्यूटी के दौरान गलती से पाकिस्तान की सीमा में पहुंचे बीएसएफ के जवान पूर्णम कुमार पर हुए जुल्मों सितम के बाद उनका मेंटल ट्रामा यानी मानसिक तनाव कम करने के लिए हर संभव कदम उठाया जा रहा है. वहीं पाकिस्तानी कैद से लौटे जवान ने अपने बीते 20 दिनों को जिंदगी के सबसे खराब दिन बताते हुए जो कुछ कहा उसकी दास्तान जानकर आपकी भी रूह कांप जाएगी. पाकिस्तानियों ने उन्हें परेशान करने के लिए हर जायज और नाजायज काम किया.

सोने नहीं दिया...

पाकिस्तानी  कब्जे से लौटे BSF जवान पूर्णम कुमार शॉ को पाकिस्तान ने 14 मई को भारत को सौंप दिया था. पूर्णम ने बताया कि उनके साथ एक जासूस की तरह व्यवहार किया गया था जिसे हर रात ब्रश करने तक की इजाजत नहीं थी. पूर्णम ने अपनी पत्नी रजनी से फोन पर बातचीत में कैद के दौरान के अपने अनुभव साझा किए. पत्नी से हुई टेलिफोनिक टॉक में उन्होंने बताया कि पाकिस्तान में कैद के दौरान उन्हें रात को सोने तक नहीं दिया जाता था. उन्हें लगातार जगाकर पूछताछ की जाती थी. पाकिस्तानी उनके साथ ऐसी हरकत करते थे कि जैसे पीके कोई RAW या IB के   जासूस हों.

टीओआई की रिपोर्ट के मुताबिक पूर्णम की पत्नी रजनी ने कहा कि उनके पति को शारीरिक यातना तो नहीं दी गई, लेकिन मानसिक रूप से उन्हें पूरी तरह तोड़ देने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी गई. मुझे लगता है कि वो बुरी तरह से थके हुए हैं. उन्हें हर रात पूछताछ के लिए उठाया जाता था. खाना तो मिलता था, लेकिन ब्रश करने की इजाजत नहीं थी. उनकी आवाज में मुझे परेशानी झलक रही थी. उन्होंने बताया कि वहां आंखों पर पट्टी बांधकर उन्हें अलग-अलग जगहों पर रखा गया था. एक लोकेशन पर तो थोड़ी-थोड़ी देर में हवाई जहाज उड़ने की आवाज आती थी, इससे भी उन्हें बहुत इरीटेशन होती थी. मैं चाहती हूं कि वो जल्द आ जाएं, देर लगी तो मैं खुद वहां जाकर उनसे मिलूंगी.

आपको बताते चलें कि पूर्णम शॉ अभी डॉक्टरों और अपने अधिकारियों की देखरेख में हैं. माना जा रहा है कि जरूरी कार्रवाई और औपचारिकताएं पूरी होने के बाद वो अपने घर में लौट आएंगे.

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