मायावती ने कहा कि कांग्रेस पार्टी को सावरकर के मुद्दे परअपनी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए. वरना इसे कोरी नाटकबाजी माना जाएगा.
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मुंबई: कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा स्वतंत्रता सेनानी वीर दामोदर सावरकर को लेकर दिए गए विवादित बयान से उपजे विवाद में अब बीएसपी अध्यक्ष मायावती भी कूद पड़ीं हैं. मायावती ने इस मामले में कांग्रेस पार्टी पर निशाना साधा है. रविवार को एक के बाद एक ट्वीट कर बीएसपी सुप्रीमो ने कांग्रेस को महाराष्ट्र में शिवसेना के साथ बने रहने को दोहरा चरित्र बताया. मायावती ने कहा है, 'शिवसेना सावरकर को लेकर आज भी अपने रुख पर कायम है इसलिए उन्होंने नागरिकता संशोधन विधेयक पर केंद्र का साथ दिया और सावरकर को लेकर इनको कांग्रेस का रवैया बर्दाश्त नहीं है.'
मायावती ने कहा कि कांग्रेस पार्टी को सावरकर के मुद्दे परअपनी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए. वरना इसे कोरी नाटकबाजी माना जाएगा.
इससे पहले शनिवार (14 दिसंबर) को महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेता देवेंद्र फडनवीस (Devendra Fadnavis) ने कहा कि शिवसेना (Shiv Sena) को सत्ता में बने रहने के लिए जिस तरह के लोगों से समझौता करना पड़ रहा है, वह बहुत ही साफ है. उन्होंने कहा कि वीर सावरकर जी का अपमान महाराष्ट्र और देश कभी बर्दाश्त नहीं करेगा. इसको लेकर फडणवीस ने कहा कि पहले शिवसेना के नेता बहुत तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करती थी, अब वो नरम क्यों हो गई है?
फडणवीस ने कहा, राहुल गांधी का बयान शर्मनाक है, शायद उन्हें सावरकर जी के बारे में जानकारी नहीं है. सावरकर जी को अंडमान जेल की कोठरी में 12 साल तक यातना का सामना करना पड़ा, राहुल गांधी 12 घंटे भी नहीं कर सकते. सिर्फ गांधी को अपने नाम में लगाने से आप गांधी नहीं बन जाते.
शिवसेना ने क्या कहा था?
शिवसेना नेता संजय राउत ने अपने सहयोगी दल कांग्रेस के नेता राहुल गांधी के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा था, ''हम महात्मा गांधी और पंडित नेहरू दोनों का सम्मान करते हैं. कृपया वीर सावरकर का अपमान न करें. बुद्धिमान लोगों को अधिक कुछ भी बताने की आवश्यकता नहीं है.''
राहुल गांधी का बयान
दरअसल, राहुल ने दिल्ली के रामलीला मैदान में शनिवार को कांग्रेस की ओर से आयोजित भारत बचाओ रैली को संबोधित करते हुए कहा, "कल संसद में भाजपा के नेता मुझसे माफी की मांग कर रहे थे. लेकिन मैं उन्हें बता देना चाहता हूं कि मेरा नाम 'राहुल सावरकर' नहीं है, मैं राहुल गांधी हूं. मैं सच बोलने के लिए माफी नहीं मागूंगा."
राहुल का इशारा
राहुल का इशारा हिंदूवादी नेता दिवंगत विनायक दामोदर सावरकर द्वारा 14 नवंबर, 1913 को ब्रिटिश सरकार को लिखे गए माफी पत्र की तरफ था, जिसे उन्होंने अंडमान के सेलुलर जेल में बंद रहने के दौरान लिखा था.