Indian Diplomacy: भारत के सॉफ्ट पावर का दिखने लगा है असर, इस खास नीति से 39 देशों से बढ़ाई निकटता
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Indian Diplomacy: भारत के सॉफ्ट पावर का दिखने लगा है असर, इस खास नीति से 39 देशों से बढ़ाई निकटता

Buddhist Policy: पिछले कुछ सालों में दुनिया के 39 देशों में भारत ने बौद्ध नीति (Buddhist Diplomacy) के सहारे अपने संबंधों को नई दिशा दी है.

Indian Diplomacy: भारत के सॉफ्ट पावर का दिखने लगा है असर, इस खास नीति से 39 देशों से बढ़ाई निकटता

Buddhist Diplomacy of India: भारत बौद्ध कूटनीति के सहारे एशियाई देशों के साथ अपने संबंधों को बेहतर करने में लगा हुआ है. जब से नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री पद की जिम्मेदारी संभाली है, उसके बाद से भारत की विदेश नीति में बौद्ध विरासत को काफी महत्व दिया जा रहा है और इस वजह से एशिया के ज्यादातर देशों से भारत के साथ संबंधों में मजबूती आ रही है. देखा जाए तो दुनियाभर की 97 प्रतिशत बौद्ध आबादी एशिया के देशों में रहती है और भारत बौद्ध धर्म का अहम तीर्थ स्थल है. ऐसे में पिछले कुछ सालों में दुनिया के 39 देशों में भारत ने इसी बौद्ध नीति (Buddhist Diplomacy) के सहारे अपने संबंधों को नई दिशा दी है.

सॉफ्ट पावर के दम पर ज्यादातर देशों से जुड़ रहा भारत

भारतीय विदेश नीति में लुक ईस्ट (Look East) और एक्ट ईस्ट एशिया (Act East Asia) की कामयाबी में बौद्ध नीति (Buddhist Diplomacy) अहम स्थान बनता जा रहा है. देखा जाए तो चीन लगातार दुनिया के देशों के साथ अपने संबंधों को मजबूत कर रहा है. चीन अपने संबंधों को मजबूत करने के लिए दुनिया के कई देशों को लोन मुहैया करा रहा है. साथ ही मिलिट्री, इंफ्रास्ट्रक्चर  के क्षेत्र में भी चीनी कंपनियां बड़ी संख्या में इंवेस्टमेंट कर रही हैं, जिसकी वजह से चीन के कर्ज मायाजाल में भी कई देश फंस कर बाहर नहीं निकल पा रहे हैं.

हाल ही में जिस तरह से श्रीलंका, पाकिस्तान और अफ्रीका के कुछ देशों में चीन के कर्ज का असर हुआ, उसे लेकर दुनिया के कई देश चीन की नीतियों पर सशंकित हैं. चीन से उलट भारत सॉफ्ट पावर के दम पर एशिया के ज्यादातर देशों से जुड़ रहा है, जिसकी वजह से भारत के प्रति इन देशों में काफी सम्मान है. भारत ने एक्ट ईस्ट एशिया के तहत अपने संबंधों को मजबूत करने के लिए 3-C  यानी Culture, Connectivity and Commerce के विकास पर जोर दे रही है.

'मोदी सरकार ने बुद्ध धर्म के लिए काफी कुछ किया'

Dr Damenda Porage जो कि श्रीलंका से हैं और IBC में Deputy Secretary General हैं, उन्होंने Zee Media से बातचीत में कहा कि मोदी सरकार ने बुद्ध धर्म के लिए काफी कुछ किया है. प्रधानमंत्री मोदी कई बार श्रीलंका जा चुके हैं. उन्होंने जब भी बात की भगवान बुद्ध के संदेशों का जिक्र किया. श्रीलंका में कई बुद्ध धर्म के अनुयायी ऐसा मानते है कि मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बुद्ध धर्म के लिए काफी काम हुआ है. ये बदलाव काफी दिख रहा है.

'भारत ने दुनिया को बुद्ध दिया, युद्ध नहीं'

दुनिया के अलग-अलग देशों में बौद्ध धर्म के प्रचार-प्रसार में लगे International Buddhist Confederation (IBC) ने इस साल 5 नवंबर को दस साल पूरे होने पर दिल्ली में एक बड़ा कार्यक्रम किया, जिसमें दुनियाभर से आए बुद्ध धर्म के अनुयायी, विद्वान और राजदूत शामिल हुए. हम आपको बता दे कि IBC की स्थापना साल 2012 में की गई थी और नई दिल्ली में इसका मुख्यालय बनाया गया है.  IBC का मुख्य उद्देश्य दुनियाभर में बौद्ध धर्म से जुड़े धार्मिक स्थलों का संरक्षण और उससे जुड़ी जानकारियों को दुनिया भर में प्रचारित-प्रसारित करना है.

IBC के सेक्रेटरी जनरल डा धम्मपिया ( DR.Dhammapiya, Secretary General) ने Zee Media से खास बातचीत के दौरान कहा कि प्रधानमंत्री मोदी से सहमत हूं कि भारत ने दुनिया को बुद्ध दिया, युद्ध नहीं. हमें मिलकर दुनिया भर में शांति को बढ़ावा देना है यही भगवान बुद्ध का संदेश है, जिसे मोदी जी दुनिया भर में लेकर जा रहे हैं.

भारत में मौजूद हैं बौद्ध धर्म का अहम तीर्थ स्थल

IBC से जुड़े जानकारों के मुताबिक ज्यादातर बौद्ध धर्म से जुड़ी सांस्कृतिक विरासत भारत के उत्तर प्रदेश, बिहार और मध्य प्रदेश राज्यों में है, जिसकी वजह से हर साल लाखों की संख्या में बौद्ध धर्म के अनुयायी भारत भ्रमण करने के लिए आते हैं. ऐसे में जहां देश में पर्यटन के क्षेत्र में इसका फायदा मिल रहा है, वहीं बौद्ध धर्म का अहम तीर्थ स्थल होने की वजह से दुनिया भर के कई देशों के लोग बौद्ध धर्म की वजह से अपने आप को जुड़ा महसूस करते हैं.

भारत बनवा रहा इंटरनेशनल बौद्ध सेंटर

बौद्ध धर्म के संदेशों को दुनिया भर में प्रचारित-प्रसारित करने के लिए भारत नेपाल के लुंबिनी में India International Centre for Buddhist Culture and Heritage बनवा रहा है. International Buddhist Confederation (IBC)  के तहत बन रहे इस सेंटर का शिलान्यास पिछले दिनों प्रधानमंत्री मोदी के नेपाल यात्रा के दौरान किया गया था.

IBC ने आने वाले दिनों में दुनिया के उन देशों में जहां बौद्ध धर्म के अनुयायी सबसे ज्यादा रहते हैं, उन देशों के young monks  को देश के सभी अहम बौद्ध धर्म से जुड़े तीर्थ स्थलों का भ्रमण कराने की योजना बनाई है. इसी योजना के तहत इस साल दिसंबर महीने में भूटान से 25 बुद्धिस्ट मोंक ( Buddhist Monk) दिल्ली आ रहे हैं, जिन्हें देश के बुद्धिस्ट कल्चर साइट पर भी ले कर जाया जाएगा. IBC के मुताबिक ऐसे कार्यक्रमों से दुनिया के देशों में बौद्ध धर्म के प्रचार-प्रसार में मदद मिलेगी.

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