Budget 2023 में 2024 के लोकसभा चुनावों की झलक! बुजुर्गों-महिलाओं को सौगात, इस मोर्चे पर बड़ी राहत
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Budget 2023 में 2024 के लोकसभा चुनावों की झलक! बुजुर्गों-महिलाओं को सौगात, इस मोर्चे पर बड़ी राहत

Budget 2023 Summary: यह अगले साल अप्रैल मई में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले सरकार का अंतिम पूर्ण बजट है. अगले साल फरवरी में अंतरिम बजट यानी लेखानुदान पेश किया जाएगा. चुनाव के बाद नई सरकार के गठन के पश्चात पूर्ण बजट पेश किया जाएगा. 

2023 के आम बजट में 2024 के आम चुनावों की झलक दिख रही है...

Budget 2023 and Lok Sabha Chunav 2024: अगले साल होने वाले आम चुनाव से पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को पेश नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के अंतिम पूर्ण बजट में सभी तबकों को साधने का प्रयास किया. उन्होंने जहां एक तरफ मध्यम वर्ग और नौकरीपेशा लोगों को आयकर मोर्चे पर राहत देने की घोषणा की, वहीं लघु बचत योजनाओं के तहत निवेश सीमा बढ़ाकर बुजुर्गों, पेंशनभोगियों और नई बचत योजना के जरिये महिलाओं को भी सौगात दी है. इसके साथ ही बुनियादी ढांचे पर खर्च में 33% की बड़ी वृद्धि करने का भी प्रस्ताव किया है.

2023 के बजट में 2024 चुनाव पर फोकस!

कुल मिलाकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने राजकोषीय सूझबूझ के साथ सभी तबकों की आकांक्षाओं पर खरा उतरने का भरसक प्रयास किया है. नई कर व्यवस्था के तहत अगले वित्त वर्ष में एक अप्रैल से व्यक्तिगत आयकर छूट सीमा को बढ़ाकर 7 लाख रुपये कर दिया गया है. इसका मतलब है कि अगर किसी व्यक्ति की आय सात लाख रुपये है, उसे कोई कर नहीं देना होगा. अबतक यह सीमा पांच लाख रुपये थी. साथ ही कर ‘स्लैब’ को सात से घटाकर पांच किया गया है. साथ ही अधिभार की दर 37% से घटाकर 25% करने के बाद कर की अधिकतम दर 42.7% से घटकर लगभग 39% रह जाएगी.

सीनियर सिटिजन और महिलाओं को सौगात

वित्त मंत्री ने वरिष्ठ नागरिकों को भी राहत दी. इसके तहत वरिष्ठ नागरिक बचत योजना के तहत जमा सीमा 15 लाख रुपये से बढ़ाकर 30 लाख रुपये कर दी गयी है. वहीं मासिक आय योजना के तहत जमा सीमा बढ़ाकर नौ लाख रुपये की गयी है.

महिलाओं के लिये अलग से नई बचत योजना...महिला सम्मान बचत पत्र...की घोषणा की गयी. इसमें दो वर्ष के लिये दो लाख रुपये तक की बचत पर 7.5% ब्याज मिलेगा. हालांकि, बजट में पांच लाख रुपये वार्षिक प्रीमियम से अधिक की पॉलिसी के मामले में मिलने वाली राशि पर कर छूट की सीमा तय की गयी है.

इसके तहत, एक अप्रैल, 2023 के बाद जारी उन सभी जीवन बीमा पॉलिसी (यूनिट लिंक्ड बीमा पॉलिसी या यूलिप के अलावा) की परिपक्वता राशि पर कर लगेगा, जिसका सालाना प्रीमियम पांच लाख रुपये से अधिक है. सीतारमण ने अपना पांचवां पूर्ण बजट ऐसे समय पेश किया जब वैश्विक चुनौतियों के कारण अर्थव्यवस्था की रफ्तार धीमी पड़ रही है और सामाजिक क्षेत्रों पर खर्च बढ़ाने के साथ स्थानीय स्तर पर विनिर्माण को प्रोत्साहन बढ़ाने की जरूरत है.

उन्होंने हरित ऊर्जा और निर्यात को बढ़ावा देने के लिये मोबाइल फोन कल पुर्जों तथा लीथियम बैटरी और अन्य ऐसे सामान के लिये पूंजीगत सामान पर सीमा शुल्क में कटौती की भी घोषणा की.

लोकसभा चुनाव से पहले सरकार का अंतिम पूर्ण बजट

यह अगले साल अप्रैल मई में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले सरकार का अंतिम पूर्ण बजट है. इसे 33% बढ़ाकर 10 लाख करोड़ रुपये किया गया है जो सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का 3.3% बैठता है. इसके साथ ही सस्ते मकानों के लिये व्यय 66% बढ़ाकर 79000 करोड़ रुपये किया गया है.

सीतारमण ने बजट पेश करने के बाद संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘यह एक ऐसा बजट है जिसने वृद्धि के दोनों विचारों को खूबसूरती से संतुलित किया है. इससे पहले पूंजी निवेश मद में कभी भी दहाई अंक में वृद्धि की घोषणा नहीं की गयी थी, जबकि इस बार इस क्षेत्र में 10 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. इसमें राज्यों को दिए जाने वाले 1.3 लाख करोड़ रुपये शामिल है.’ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार ने 2014 में सत्ता में आने के बाद से सड़कों और ऊर्जा सहित पूंजीगत व्यय में लगातार वृद्धि की है.

इंडियन इकॉनमी चमकता सितारा

सीतारमण ने कहा, ‘इस बजट में पिछली बजट में रखी गई नींव पर सतत निर्माण करते हुए ‘भारत ऐट 100’ के लिये खींची गई रेखा पर आगे बढ़ते रहने की उम्मीद की गई है.’ उन्होंने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था ‘चमकता सितारा’ है. चालू वित्त वर्ष में 7% जीडीपी वृद्धि का अनुमान है जो बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में सर्वाधिक है.कोविड 19 महामारी और रूस यूक्रेन युद्ध के कारण वैश्विक नरमी के बावजूद देश की इकॉनमी पटरी पर है.

बजट में कुल व्यय 7.4 % बढ़कर 45 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान रखा गया है. राजकोषीय घाटा जीडीपी का 5.9 % रहने का अनुमान है. यह चालू वित्त वर्ष के 6.4 % के अनुमान से कम है. इसका मतलब है कि सरकार को कुल 15.43 लाख करोड़ रुपये कर्ज लेना पड़ेगा.

2023-24 के बजट में सात प्राथमिकताएं

सीतारमण ने कहा कि 2023-24 के बजट में सात प्राथमिकताएं रखी गयी हैं. ये हैं समावेशी विकास, अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति तक पहुंचना, बुनियादी ढांचा और निवेश, सक्षमता को सामने लाना, हरित वृद्धि, युवा शक्ति तथा वित्तीय क्षेत्र. बजट में पशुपालन, डेयरी और मत्स्यपालन पर जोर के साथ कृषि कर्ज का लक्ष्य बढ़ाकर 20 लाख करोड़ रुपये किया गया है. मझोले और छोटे उद्यमों के लिये कर्ज गारंटी को लेकर 9,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. रेलवे के लिये 2.40 लाख करोड़ रुपये के पूंजीगत व्यय का प्रावधान किया गया है.

बजट में ऊर्जा बदलाव यानी स्वच्छ ऊर्जा की ओर तेजी से कदम बढ़ाने और शुद्ध रूप से शून्य कार्बन उत्सर्जन के लिये 35,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली को बढ़ावा देने का भी प्रस्ताव किया गया है.

प्रधानमंत्री आवास योजना का बजट बढ़ा

सस्ते मकान उपलब्ध कराने की प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत व्यय को 66 % बढ़कर 79000 करोड़ रुपये किया गया है. बजट में बुनियादी ढांचे के तहत 50 अतिरिक्त हवाई अड्डों, हेलीपोर्ट और जलीय हवाईअड्डों को आधुनिक रूप दिया जाएगा.

मूडीज इनवेस्टर सर्विस ने बजट के बारे में कहा, ‘उच्च महंगाई और वैश्विक चुनौतियों के बीच वित्त वर्ष 2023 24 के लिये कम राजकोषीय घाटे का लक्ष्य सरकार की वित्तीय स्थिरता और अर्थव्यवस्था को समर्थन देने की प्रतिबद्धता को बताता है.’

(एजेंसी इनपुट के साथ)

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