पाकिस्तानी गोलाबारी से बचाने के लिए कश्मीर के सरहदी इलाकों में बंकर बनाने की शुरुआत
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पाकिस्तानी गोलाबारी से बचाने के लिए कश्मीर के सरहदी इलाकों में बंकर बनाने की शुरुआत

  जम्मू कश्मीर में एलओसी से सटे इलाकों की पाकिस्तान की आए दिन होने वाली गोलाबारी से बचाने के लिए बंकर बनाने की शुरुआत कर दी गई है. केद्र शासित प्रशासन ने सीमा से सटे इलाकों में 125 बंकर बनाने का काम शुरू कर दिया है.

जम्मू कश्मीर में पाकिस्तान की गोलाबारी से मकानों पर पड़े निशान

तंगधार :  जम्मू कश्मीर में एलओसी से सटे इलाकों की पाकिस्तान की आए दिन होने वाली गोलाबारी से बचाने के लिए बंकर बनाने की शुरुआत कर दी गई है. केद्र शासित प्रशासन ने सीमा से सटे इलाकों में 125 बंकर बनाने का काम शुरू कर दिया है. इन बंकरों के बनने के बाद लोग लोग पाकिस्तानी गोलाबारी होने पर जान बचाने के लिए इन बंकरों में शरण ले सकेंगे. 

  1. उत्तरी कश्मीर के तंगधार इलाके के गांवों में बनाए जा रहे हैं बंकर 
  2. तंगधार में 60, पुलवामा में 40 बंकर बनाए जाने की योजना
  3.  एलओसी से सटे गांवों पर आए दिन गोलाबारी करता रहता है पाकिस्तान

तंगधार में 60, पुलवामा में 40 बंकर बनाए जाने की योजना

प्रशासनिक अधिकारियों के मुताबिक उत्तरी कश्मीर के तंगधार में 60 और पुलवामा जिले में 40 बंकर बनाए जा रहे हैं. जबकि केरन सेक्टर में 10 और माछिल सेक्टर में 15 बंकर बनाए जाने की योजना है. ऐसे प्रत्येक बंकर में एक वक्त में 15 लोग जान बचाने के लिए छुप सकते हैं.

हर घर के लिए बंकर बनाने की मांग
लोगों के मुताबिक पिछले कुछ सालों में पीओके में बनी पोस्टों से कश्मीर के उन सरहदी इलाकों में भी गोलीबारी होने लगी है. जहां पहले शांति रहती थी. ऐसे में कुछ लोगों ने अपने बचाव के लिए घरों के पास टेम्परेरी बंकर बनाए है.  लेकिन लोगों में खौफ इतना ज्यादा है कि वे अब हर घर के लिए एक बंकर की मांग कर रहे हैं. 

गोलाबारी होते ही बंकरों की ओर भागते हैं लोग
गांव वाले कहते हैं कि पाकिस्तान की ओर से गोलाबारी शुरु होते ही हम अपनी सेना की तरफ से जवाबी कार्रवाई का इंतजार करते हैं. इसके बाद बंकरों की ओर भागते हैं, जिससे अपनी जान बचा सकें. गोलीबारी की आवाजों के बीच डरे सहमे बच्चे, महिलाएं अब नए बंकरों के निर्माण शुरू होने से चैन की सांस ले रहे हैं. 

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