पराली जलाने से दिल्ली में 23 फीसदी प्रदूषण, हवा चलने के बाद भी नहीं मिली राहत
दिल्ली के आस-पास के राज्यों में पराली जलाने से हवा लगातार खराब हो रही है और प्रदूषण (Delhi Pollution) के बढ़ते स्तर के लिए मंगलवार को पराली जलाए जाना 23 प्रतिशत जिम्मेदार था.
नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली (Delhi) में सर्दी बढ़ने के साथ ही प्रदूषण की समस्या गहराने लगी है. दिल्ली में बुधवार को हवा चलने के बाद भी राहत नहीं मिली और प्रदूषण का स्तर बेहद खराब कैटेगरी में है. मिनिस्ट्री ऑफ अर्थ साइंसेज ऐप सफर (SAFAR) के मुताबिक दिल्ली में पीएम 2.5 का स्तर फिलहाल 331 है.
पराली जलने से 23 फीसदी प्रदूषण
आस-पास के राज्यों में पराली जलाने से दिल्ली-एनसीआर (Delhi-NCR) की हवा लगातार खराब हो रही है. सफर ऐप के मुताबिक, मंगलवार को दिल्ली में PM 2.5 के बढ़ते स्तर के लिए पराली जलाए जाना 23 प्रतिशत जिम्मेदार था, जो इस सीजन में सबसे ज्यादा है. सोमवार को ये 16 प्रतिशत, रविवार को 19 प्रतिशत और शनिवार को 9 प्रतिशत था. SAFAR के मुताबिक, सोमवार को पड़ोसी राज्यों में खेतों में आग लगाने की 1,943 घटनाएं हुईं, जो इस सीजन में अब तक का सबसे ज्यादा आंकड़ा है.
हवा चलने के बाद भी प्रदूषण कम नहीं
दिल्ली के एयर क्वॉलिटी इंडेक्स में बुधवार को मामूली सुधार हो सकता है, लेकिन गुरुवार को प्रदूषण का स्तर फिर बढ़ जाएगा. मंगलवार को शहर में औसतन AQI 312 रहा, सोमवार को ये 353 और रविवार को 349 था. मौसम विभाग के मुताबिक मंगलवार को 14 से 15 किलोमीटर प्रति घंटे के हिसाब से हवा चली, लेकिन इसका असर दिल्ली के प्रदूषण पर इसलिए नहीं दिखा, क्योंकि पराली जलने के मामले बढ़ गए. आज (बुधवार) भी हवा की रफ्तार करीब 10 किलोमीटर प्रति घंटा रहने की उम्मीद है, लेकिन जब तक पराली जलाने के मामले कम नहीं होंगे तब तक दिल्ली की हवा की क्वालिटी नहीं सुधरेगी.
कब खराब स्तर पर पहुंच जाती है हवा
हवा की गुणवत्ता (AQI) अगर 0 से 50 के बीच रहे तो इसे अच्छी मानी जाती है, वहीं 51 से 100 के बीच में संतोषजनक और 101 से 200 के बीच में मध्यम मानी जाती है. लेकिन अलग यह 200 से ऊपर पहुंच जाए तो यह खराब की स्थिति में आ जाती है. 201 से 300 तक खराब, 301 से 400 तक बेहद खराब और 401 से 500 के बीच गंभीर स्थिति हो जाती है.
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