अगर इस गणपति उत्सव में आप हर इच्छा पूरी करना चाहते हैं तो इसके लिए गणपति के 10 नाम और 21 दूर्वा का सहारा लेना होगा। इसके लिए मिट्टी या बालू से गणपति प्रतिमा बनायें। चाहें तो सोने-चांदी वाले गणपति के सिक्के भी खरीद सकते हैं। लेकिन गणपति को खरीदते समय, उनकी प्रतिमा का मोल-भाव न करें।
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दिल्ली: अगर इस गणपति उत्सव में आप हर इच्छा पूरी करना चाहते हैं तो इसके लिए गणपति के 10 नाम और 21 दूर्वा का सहारा लेना होगा। इसके लिए मिट्टी या बालू से गणपति प्रतिमा बनायें। चाहें तो सोने-चांदी वाले गणपति के सिक्के भी खरीद सकते हैं। लेकिन गणपति को खरीदते समय, उनकी प्रतिमा का मोल-भाव न करें।
कैसे मिलेगा 21 दूर्वा से 21 वरदान?
गणपति को घर लाकर आसन पर विराजित करें। फिर अक्षत और फूल लेकर गणपति से अपनी मनोकामना कहें, उसके बाद ओम गं गणपतये नम: मंत्र बोलते हुए गणेश जी को प्रणाम करें। फिर गणपति के शीष पर सिंदूर चढ़ायें। गणपति को मोदक का भोग लगायें और उन्हें 21 दूर्वा दल उनके 10 नाम बोलते हुए समर्पित करें।
गणपति के 10 नाम
ॐ गणाधिपाय नमः
ॐ उमापुत्राय नमः
ॐ विघ्ननाशनाय नमः
ॐ विनायकाय नमः
ॐ ईशपुत्राय नमः
ॐ सर्वसिद्धिप्रदाय नमः
ॐ एकदन्ताय नमः
ॐ इभवक्त्राय नमः
ॐ मूषकवाहनाय नमः
ॐ कुमारगुरवे नमः
हर नाम के साथ 2 दूर्वा और बाकी 1 दूर्वा उनके 10 नाम एक साथ बोलकर चढ़ायें। गणपति को 21 लड्डूओं का भोग लगायें। भोग लगाते समय 5 मोदक गणपति के पास रखें। 5 मोदक किसी ब्राह्मण को ये मंत्र बोलते हुए दान दें-
दानेनानेन देवेश प्रीतो भव गणेश्वर ।
सर्वत्र सर्वदा देव निर्विघ्नं कुरु सर्वदा ।
मानोन्नतिं च राज्यं च पुत्रपौत्रान्प्रदेहि में ।।
इसके बाद बाकी बचे 11 मोदक प्रसाद रूप में बांट लें। बाद में ब्राह्मण को भोजन करायें। इस तरह गणपति के 10 नाम के साथ 21 दूर्वादल चढ़ाने से, बप्पा बहुत प्रसन्न होते हैं। अगर आप इस बार किसी नौकरी के लिए आवेदन करने जा रहे हैं, या फिर किसी प्रतियोगिता परीक्षा में बैठने जा रहे हैं तो शत प्रतिशत कामयाबी के लिए इस उपाय को ज़रूर आज़मायें। कर्म के साथ पूजा पाठ करने से विघ्न बाधाओं का नाश होता है। वैसे भी गुरुवार के दिन स्वाति नक्षत्र में पड़ने वाली गणेश चतुर्थी धन संपत्ति के लिहाज के बहुत विशेष मानी जा रही है।