छात्रों ने टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस से लेकर चेंबूर के बाबासाहेब आंबेडकर गार्डन तक तकरीबन 3 किलोमीटर की पैदल यात्रा की.
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मुंबई: अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी और जामिया मिलिया इस्लामिया के छात्रों के बाद सिटीजनशिप अमेंडमेंट एक्ट के खिलाफ सोमवार को मुंबई के टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस के छात्रों ने भी विरोध प्रदर्शन किया. इस प्रदर्शन में छात्रों ने जामिया मिलिया इस्लामिया और अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में पुलिस द्वारा कथित तौर पर की गई हिंसा का विरोध किया.आज इंस्टीट्यूट में सुबह जमा हुए छात्रों में एक साथ मिलकर लेक्चर छोड़ कर प्रदर्शन करने का फैसला किया. छात्रों के हाथों में आज कलम और किताब के बजाए तख्तियां, पोस्टर और बैनर थे, सिर पर काली पट्टी, और गालों पर लाल रंग.
छात्रों ने टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस से लेकर चेंबूर के बाबासाहेब आंबेडकर गार्डन तक तकरीबन 3 किलोमीटर की पैदल यात्रा की उसके बाद सड़क पर बैठकर धरना प्रदर्शन किया. प्रदर्शन के आयोजकों में से एक फहाद अहमद से जब जी मीडिया संवाददाता राकेश त्रिवेदी ने पूछा कि संविधान के तहत ही लोकसभा और राज्यसभा में बिल को पारित कर कानून बनाया गया है ऐसे में इस कानून को आप गैर संवैधानिक कैसे कह सकते हैं. इस सवाल का कोई ठोस जवाब प्रदर्शनकारियों के पास नहीं था.
प्रदर्शन के दौरान छात्रों ने ना सिर्फ़ दिल्ली और उत्तर प्रदेश पुलिस के खिलाफ बल्कि व्यक्तिगत तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह के खिलाफ भी नारेबाजी की. इन छात्रों के हाथों में देश के प्रधानमंत्री और गृह मंत्री के खिलाफ आपत्तिजनक कमेंट वाले बैनर भी दिखाई दिए.
इतना ही नहीं छात्रों के एक गुट ने ज़ी मीडिया की टीम के साथ भी तब बदसलूकी की जब हमारी टीम इन्हीं प्रदर्शनकारियों का इंटरव्यू लेना चाह रही थी. आखिरकार कुछ दूसरे छात्रों के द्वारा इन अलग-अलग गुटों को समझाए जाने के बाद ज़ी न्यूज़ के खिलाफ इनकी नारेबाजी बंद हुई.