नए राष्ट्रपति कोविंद के सचिव बनाए गए संजय कोठारी, गुजरात सरकार के रेजीडेंट कमिश्नर भारत लाल होंगे संयुक्त सचिव
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नए राष्ट्रपति कोविंद के सचिव बनाए गए संजय कोठारी, गुजरात सरकार के रेजीडेंट कमिश्नर भारत लाल होंगे संयुक्त सचिव

कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) की ओर से जारी आदेश में कहा गया कि वरिष्ठ पत्रकार अशोक मलिक को कोविंद के प्रेस सचिव के रूप में नामित किया गया है.

हरियाणा कैडर में वर्ष 1978 बैच के आईएएस अधिकारी कोठारी पिछले साल जून में डीओपीटी सचिव के तौर पर सेवानिवृत्त हुए थे. (ट्विटर फोटो)

नई दिल्ली: लोक उद्यम चयन बोर्ड के अध्यक्ष संजय कोठारी को नव निर्वाचित राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद का सचिव और वरिष्ठ पत्रकार अशोक मलिक को राष्ट्रपति का प्रेस सचिव नियुक्त किया गया है. कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) की ओर से शनिवार (22 जुलाई) को जारी एक आदेश में कहा गया कि गुजरात कैडर के वरिष्ठ वन सेवा अधिकारी भरत लाल राष्ट्रपति के संयुक्त सचिव होंगे. आदेश में कहा गया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने इन नियुक्तियों को दो वर्षों के लिए मंजूरी दी है.

हरियाणा कैडर के वर्ष 1978 बैच के आईएएस अधिकारी कोठारी पिछले साल जून में डीओपीटी सचिव के तौर पर सेवानिवृत्त हुए थे. उन्हें नवंबर 2016 में लोक उद्यम चयन बोर्ड का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था. कोठारी केंद्र और राज्य सरकार दोनों में विभिन्न पदों पर अपनी सेवाएं दे चुके हैं.

हरियाणा कैडर में वर्ष 1978 बैच के आईएएस अधिकारी कोठारी पिछले साल जून में डीओपीटी सचिव के तौर पर सेवानिवृत्त हुए थे. उन्हें नवंबर 2016 में लोक उद्यम चयन बोर्ड का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था. राष्ट्रपति के संयुक्त सचिव भारत लाल भारतीय वन सेवा के वर्ष 1988 बैच के अधिकारी हैं और इस समय दिल्ली में गुजरात सरकार के रेजीडेंट कमिश्नर हैं.

मलिक इस समय थिंक टैंक ‘ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन’ में ‘डिस्टिंग्विश्ड फेलो’ हैं. मलिक का कार्य मुख्यत: भारतीय घरेलू राजनीति और विदेश/व्यापार नीति और उनकी बढ़ती परस्पर क्रिया पर केंद्रित है. इन्होंने वैश्वीकरण की विस्तृत प्रक्रिया पर भी शोध कार्य किया कि यह कैसे न सिर्फ आर्थिक बल्कि स्वास्थ्य, शिक्षा और शहरीकरण जैसे सामाजिक क्षेत्रों में भी नीतिगत विकल्पों को प्रभावित करती है. अपने 20 वर्ष के पत्रकारीय सफर में मलिक कई प्रमुख भारतीय और अंतरराष्ट्रीय प्रकाशनों के लिए स्तम्भकार रहे हैं.

ओआरएफ की वेबसाइट पर उनकी प्रोफाइल के अनुसार, वह ‘इंडिया: स्पिरिट ऑफ एंटरप्राइज’ समेत कई किताबों के सह-लेखक रहे हैं. इस किताब में 1991 के बाद से भारत के अग्रणी निजी क्षेत्र के उद्योगों के विकास की कहानी और भारतीय अर्थव्यवस्था में उनकी भूमिका के बारे में बताया गया है.

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