VVPAT मशीन संबंधी EC के प्रस्ताव को मोदी कैबिनेट ने दी मंजूरी
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VVPAT मशीन संबंधी EC के प्रस्ताव को मोदी कैबिनेट ने दी मंजूरी

VVPAT मशीन संबंधी EC के प्रस्ताव को मोदी कैबिनेट ने दी मंजूरी (फाइल फोटो)

नई दिल्लीः केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आने वाले चुनाव में उपयोग के लिए पेपर ट्रेल मशीनों की खरीद के चुनाव आयोग के प्रस्ताव को आज मंजूरी दे दी. यह निर्णय ऐसे समय में किया गया है जब विपक्षी दलों की ओर से आने वाले सभी चुनाव में ईवीएम के साथ पेपर ट्रेल मशीन के उपयोग की मांग तेज हो रही है ताकि इस बारे में संदेह को दूर किया जा सके. 

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्ष में हुई कैबिनेट की बैठक में संक्षिप्त चर्चा के बाद वीवीपीएटी यूनिटों की खरीद के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की. चुनाव आयोग ने देश के सभी मतदान केंद्रों के लिए 16 लाख से अधिक पेपर ट्रेल मशीनों की खरीद के लिए 3,174 करोड़ रूपये मांगे हैं. कैबिनेट ने नये इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीनों की खरीद के लिए अब तक दो किस्तों में 1,009 करोड़ रूपये और 9,200 करोड़ रूपये को मंजूरी प्रदान कर चुकी है. 

 

 

जून 2014 के बाद से आयोग ने सरकार को वीवीपीएटी मशीनों की खरीद के लिए कोष जारी करने के संबंध में कम से कम 11 बार याद दिलाया है. पिछले वर्ष चुनाव आयुक्त एस एन ए जैदी ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर उनका ध्यान इस ओर दिलाया था. उच्चतम न्यायालय ने आयोग को यह बताने को कहा था कि वह कब तक सभी मतदान केंद्रों में वीवीपीएटी मशीनों का उपयोग कर सकती है. आयोग ने कहा है कि दो पीएसयू ईसीआईएल और बीईएल को 16 लाख वीवीपीएटी के निर्माण के लिए 30 महीने के समय चाहिए.

16 राजनीतिक दलों ने हाल ही में चुनाव आयोग के समक्ष अपने ज्ञापन में वृहद पारदर्शिता के लिए पेपर बैलेट प्रणाली लागू करने को कहा था. बीएसपी, आप, कांग्रेस ने ईवीएम में कथित छेड़छाड़ के मुद्दे पर चुनाव आयोग पर निशाना साधा था.

क्या है वीवीपीएटी 

वोटर वेरीफाइड पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपीएटी) एक तरह की मशीन होती है. इसे ईवीएम के साथ जोड़ा जाता है. इसका लाभ यह होता है कि जब कोई भी व्यक्ति ईवीएम का इस्तेमाल करते अपना वोट देता है. वीवीपीएटी मशीन के तहत वोटर विजुअली सात सेकंड तक यह देख सकेगा कि उसने जो वोट किया है क्या वह मत उसके इच्छानुसार उसके प्रत्याशी को मिला है या नहीं.

इस मशीन के जरिए मतदाता को प्रत्याशी का चुनाव चिन्ह और नाम उसकी ओर से चुनी गई भाषा में दिखाई देगा. वीवीपीएटी का प्रयोग चुनाव आयोग पश्चिम बंगाल, झारखंड के साथ कुछ अन्य राज्यों में कर चुका है. उम्मीद जताई जा रही है कि वीवीपीएटी का आने वाले चुनावों में देखने को मिल सकता है.

 वीवीपीएटी मशीन को ईवीएम के साथ जोड़ा जाता है. इससे मतदाता की जानकारी को प्रिंट करके मशीन में स्टोर कर लिया जाता है और विवाद की स्थिति में जानकारी को उपलब्ध कराकर समस्या को निपटा लिया जाता है.

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