सरहद पर टेंशन: चीन को सबक सिखाने के लिए देश के व्यापारियों ने बनाया प्लान
CAIT ने सरकार से चीनी कंपनियों को दिए गए ठेकों को फौरन कैंसिल करने और भारतीय स्टार्टअप में चीनी कंपनियों के निवेश को वापस करने के नियमों को बनाने की अपील की है.
नई दिल्ली: कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (सीएआईटी) ने सीमा पर चीन का रवैया देखते हुए चीनी सामान के बहिष्कार के कैंपेन में तेजी लाने का फैसला लिया है. सीएआईटी ने सरकार से चीनी कंपनियों को दिए गए ठेकों को फौरन कैंसिल करने और भारतीय स्टार्टअप में चीनी कंपनियों के निवेश को वापस करने के नियमों को बनाने की अपील की है.
CAIT के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया और राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि भारतीय सैनिकों के प्रति चीन के रवैयों को देखते हुए व्यापारियों ने फैसला लिया है कि चीन से आयात कम करके उसे सबक सिखाएंगे. हमारा लक्ष्य है कि चीन से सालाना होने वाले आयात में एक लाख करोड़ को कम कर सकें.
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CAIT के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया ने मोदी सरकार से अपील करते हुए कहा, 'चीनी कंपनियों को दिए गए सभी सरकारी ठेकों को तुरंत रद्द कर दिया जाए. बीते कुछ महीनों से चीनी कंपनियां कई सरकारी अनुबंधों में बहुत कम दरों पर बोली लगा रही हैं. सरकार को लागत में मामूली अंतर होने के बावजूद भारतीय कंपनियों को यह अनुबंध देने चाहिए.'
उन्होंने आगे कहा, 'पेटीएम, बिग बास्केट, मिल्क बास्केट, फ्लिपकार्ट, स्विगी जैसे कई भारतीय स्टार्टअप में चीन की कंपनियों ने पैसा लगाया है. यह पूरी तरह से भारतीय बाजारों पर कब्जा करने के लिए चीन की एक साजिश है.' उन्होंने कहा कि सरकार को चीनी निवेश पर प्रतिबंध लगाने के लिए नियमों को लाना चाहिए और साथ ही इन तकनीकी दिग्गजों को चीनी निवेश वापस लेने की सलाह भी देनी चाहिए.
इसके अलावा CAIT ने भारतीय सितारों के चीनी ब्रांडों का प्रचार करने पर भी चिंता जाहिर की.उन्होंने कहा कि दीपिका पादुकोण, आमिर खान, विराट कोहली, रणवीर सिंह, सारा अली खान , रणवीर कपूर , विकी कौशल कई चीनी मोबाइल की ब्रांडिंग करते हैं. हमारी उनसे अपील है कि वे चीनी ब्रांडों का प्रचार करना बंद करें और राष्ट्र की भावनाओं का सम्मान करें.