BSF jawan is in Pakistan custody : पंजाब के फिरोजपुर में 23 अप्रैल को गलती से बॉर्डर क्रॉस करने पर पाकिस्तानी सेना ने BSF जवान को गिरफ्तार कर लिया था. इस गिरफ्तारी को अब तक 85 घंटे से अधिक बीत चुके हैं, लेकिन BSF जवान की रिहाई नहीं हो सकी है.
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BSF Jawan inside Pakistan custody : पति के विरह की पीड़ा, वही महिला समझ सकती है, जिसने कभी अपने पति से किसी तरह की दूरी सही हो. कुछ ऐसे ही मामले में अपने पति की कुशलक्षेम जानने के लिए एक बेसुध पत्नी की पीड़ा उसके नजदीकी लोगों से देखी नहीं जा रही है. बात गलती से सीमा पार पाकिस्तान पहुंचे बीएसफ (BSF) के जवान पीके शॉ की जो पाकिस्तान की कस्टडी में हैं. ये कहानी लोगों को इमोशनल कर रही है. बीएसएफ जवान की पत्नी प्रेग्नेंट हैं, उसे पति की जरूरत है. वो हर हाल में पति की सकुशल वापसी के लिए भगवान से विनती करने के साथ-साथ भारत की सरकार, भारतीय सेना और BSF से भी गुहार लगा रही है.
हमेशा इंतजार नहीं कर सकते...
बीएसएफ के वरिष्ठ अधिकारियों से पति की कुशल मंगल से जुड़ी पुख्ता खबर न मिलने के बाद जवान पी के शॉ की पत्नी रजनी ने कहा, 'अमृतसर मेल से पठानकोट होते हुए फिरोजपुर जाऊंगी. पति के अफसरों से सीधी बात करूंगी'. गौरतलब है कि बीते बुधवार को ड्यूटी के दौरान सीमा पार करने के बाद PK को पाकिस्तान रेंजर्स ने हिरासत में ले लिया था.
पहले रोका गया फिर मिली इजाजत
टीओआई की रिपोर्ट के मुताबिक बीएसएफ के बटालियन के कमांडिंग ऑफिसर ने शुरू में रजनी को फिरोजपुर जाने से रोकने की कोशिश की, क्योंकि वो प्रेग्नेंट हैं और ऐसे में उन्हें स्ट्रेस लेने के बजाए रिलैक्स रहने की जरूरत है, लेकिन क्या करें वो भी एक महिला है जो अन्य महिलाओं की तरह सिर्फ और सिर्फ पति की जिंदगी और सुरक्षित वापसी चाहती है.
बीएसएफ अधिकारियों ने रजनी से कहा कि PK की रिहाई के लिए भारत सरकार पाकिस्तान से बात कर रही है, लेकिन रजनी का मन नहीं माना तो आखिरकार बाद में उन्हें पंजाब जाकर वहां के अफसरों से बात करने की इजाजत मिल गई. रजनी की दो बहनें और चचेरा भाई साथ हैं.
'मैं यहां हमेशा इंतजार नहीं कर सकती'
रजनी ने अपनी पीड़ा बताते हुए कहा, 'मैं यहां अनंत काल तक बैठकर इंतजार नहीं कर सकती. मैंने 72 घंटे से ज़्यादा समय से उससे कोई बात नहीं की है. अगर मुझे वहां मदद नहीं मिली, तो मैं दिल्ली जाऊंगी और पीएमओ से जवाब मांगूंगी. मेरी चिंता तब और बढ़ गई जब मैंने पाकिस्तान द्वारा भेजी गई एक तस्वीर में उनकी आंखों पर पट्टी बंधी तस्वीर देखी.'
मां का दर्द
पीके की मां देवंती देवी ने भी अपनी परेशानी बताते हुए कहा, 'मैं चाहती हूं कि मेरा बेटा सुरक्षित घर लौट आए.' 26 अप्रैल को नबाना के अधिकारी रिशरा नगर पालिका अध्यक्ष बिजॉय सागर मिश्रा के साथ शॉ के घर गए. उन्होंने परिवार को भरोसा दिलाया कि राज्य सरकार, केंद्र के साथ मामले को आगे बढ़ा रही है. सांसद कल्याण बनर्जी ने X में लिथा- 'बीएसएफ डीजी से बात की, उन्होंने भरोसा दिलाया है कि पीके सुरक्षित है और उसकी सेहत भी ठीक है.'