प्रदूषण रोकने और ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री को बढ़ावा देने के लिए मोदी सरकार (Modi Government) इथेनॉल (Ethanol) को बढ़ावा देने की योजना बना चुकी है. केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने इसकी जानकारी दी है.
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नई दिल्ली: केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने कहा है कि परिवहन मंत्रालय एक फ्लेक्सी इंजन विकल्प (Flexi Engine option) योजना पर काम कर रहा है, जिससे यात्री अपने पसंदीदा ईंधन विकल्प का चयन कर सकेंगे. परिवहन मंत्री ने कहा है कि आने वाले दिनों में उपभोक्ता कार चलाने के लिए पेट्रोल या इथेनॉल (Ethanol) में से अपनी मर्जी से कुछ भी चुन सकते हैं.
इथेनॉल ईंधन को बढ़ावा
इस दौरान नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने अनाज के जरिए इथेनॉल (Ethanol) बनाए जाने की जरूरत बताई. उन्होंने कहा कि गन्ने में इथेनॉल बनाने की बहुत अधिक संभावना है. इस साल सितंबर में ही गडकरी ने ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री (Automobile Industry) को हर संभव मदद का वादा किया था. आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत वैकल्पिक ईंधन व्यवस्था बढ़ाने के लिए बड़े पैमाने पर भारत में फ्लेक्स-फ्यूल इंजन (Flexi Engine) शुरू करके ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री को प्रोत्साहित किया जाएगा.
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ऑटोमेकर्स अपना फ्यूल पंप भी स्थापित कर सकेंगे
वैकल्पिक ईंधन को प्रोत्साहित करने के लिए, सरकार ने ऑटोमेकर्स को खुद के फ्यूल पंप (Fuel Pump) स्थापित करने की अनुमति देने का भी फैसला किया है, बशर्ते कि वे ग्रीन फ्यूल (Green Fuel) भी रखें. गडकरी ने कहा कि कार निर्माता आसानी से ब्राजील, अमेरिका और कनाडा के बराबर फ्लेक्स इंजन बना सकते हैं. गडकरी ने कहा कि भारत को ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री का हब बनाने और वैकल्पिक ईंधन को बढ़ावा देने के लिए कच्चे तेल के आयात में 7 लाख करोड़ रुपये की कटौती की जाएगी.
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