आत्मकथा लिखने पर केरल के पुलिस महानिदेशक के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज
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आत्मकथा लिखने पर केरल के पुलिस महानिदेशक के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज

 पुलिस की अपराध शाखा ने बिना शीर्ष अधिकारियों की अनुमति के अपनी आत्मकथा ‘श्रावुकालक्कोप्पम नींथुम्बोल’ लिखने पर उनके विरूद्ध आपराधिक मामला दर्ज किया है.

जैकब थॉमस 18 महीनों से निलंबित चल रहे हैं.(फाइल फोटो)

तिरुवनंतपुरम: सेवानियमों के कथित उल्लंघन को लेकर पिछले 18 महीनों से निलंबित चल रहे केरल के पुलिस महानिदेशक जैकब थॉमस अपनी आत्मकथा लिखने को लेकर अब आपराधिक मामले और बर्खास्तगी के खतरे से घिर गये हैं.

मुख्य सचिव टोम जोस के निर्देश पर सामान्य प्रशासन विभाग ने शिकायत दर्ज करायी है. पुलिस की अपराध शाखा ने बिना शीर्ष अधिकारियों की अनुमति के अपनी आत्मकथा ‘श्रावुकालक्कोप्पम नींथुम्बोल’ लिखने पर उनके विरूद्ध आपराधिक मामला दर्ज किया है.

 

240 पृष्ठों की इस पुस्तक में 1985 बैच के आईपीएस अधिकारी ने पूर्व मुख्यमंत्री ओम्मन चांडी समेत कई नेताओं पर निशाना साधा है और इस बात का जिक्र किया है कि कैसे कुछ विवादास्पद भ्रष्टाचार मामलों की जांच को प्रभावित किया गया. इस पुस्तक में मध्य केरल के एक पहाड़ी गांव में बचपन से लेकर अखिल भारतीय सेवा के अधिकारी तक के उनके अनुभव लिखे गये हैं. 

प्राथमिकी के अनुसार थॉमस ने इस किताब में सरकारी गोपनीयता का कथित रूप से खुलासा किया है जो उनके पास सतर्कता निदेशक के तौर पर उनकी जानकारी में आया. इस तरह उन्होंने पुलिस बल संबंधी कानून का उल्लंघन किया. 

यदि थॉमस दोषी पाये जाते हैं तो उन्हें दो साल तक की कैद और जुर्माना हो सकता है. राज्य सरकार ने इन आरोपों के आधार पर विभागीय कार्रवाई शुरू की है जिसके तहत उन्हें बर्खास्त किया जा सकता है.

हालॉकि थॉमस ने कहा कि पुस्तक के प्रकाशन से पूर्व अनुमति की कोई जरूरत नहीं थी क्योंकि यह साहित्यिक कृतियों की श्रेणी में आती है. उन्होंने यह भी दावा किया कि इस पुस्तक में कुछ भी खुलासा नहीं किया गया है, जो भी कहा गया है वह पहले से लोगों को ज्ञात है. 

उन्होंने कहा कि वह अपने साथ हुए कथित अन्याय के खिलाफ विभिन्न विकल्पों पर गौर कर रहे हैं. वह पहले ही केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण पहुंच गये हैं और उन्होंने केरल उच्च न्यायालय का भी दरवाजा खटखटाया है.

इस बीच माकपा विधायक एम स्वराज ने पीटीआई भाषा से कहा कि सेवारत अधिकारियों द्वारा कुछ नियमों का पालन तो किया ही जाना चाहिए.

उधर भाजपा के वरिष्ठ नेता के राजशेखरन ने पुस्तक लिखने पर थॉमस के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किये जाने की कार्रवाई को फासीवादी कदम और परेशान करने का स्पष्ट मामला बताया.

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