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जम्मू-कश्मीर में शुरू हुआ 'कैच द रेन' अभियान, पानी के संरक्षण और प्रबंधन के लिए होगी जियो टैगिंग

Catch The Rain Campaign: जम्मू-कश्मीर सरकार ने केंद्र शासित प्रदेश के सभी जल निकायों की मैपिंग करने के लिए एक महीने का जियो-टैगिंग अभियान शुरू किया है. यह पहल 'कैच द रेन' अभियान का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करना है.

 

जम्मू-कश्मीर में शुरू हुआ 'कैच द रेन' अभियान, पानी के संरक्षण और प्रबंधन के लिए होगी जियो टैगिंग

Catch The Rain Campaign: जम्मू-कश्मीर सरकार ने केंद्र शासित प्रदेश के सभी जल निकायों की मैपिंग करने के लिए एक महीने का जियो-टैगिंग अभियान शुरू किया है. यह पहल, राष्ट्रव्यापी जल शक्ति अभियान 'कैच द रेन' अभियान का एक हिस्सा है, जिसका उद्देश्य हिमालयी क्षेत्र की जलवायु परिवर्तन के प्रति संवेदनशीलता को दूर करना और दीर्घकालिक जल सुरक्षा सुनिश्चित करना है.

जम्मू-कश्मीर जल-अधिशेष क्षेत्र होने के कारण, जलवायु परिवर्तन और मानवीय दबाव, जैसे घटते ग्लेशियर और बढ़ते शहरीकरण से खतरों का सामना कर रहा है. डल, वुलर और अंचार जैसी प्रमुख झीलें गाद, अतिक्रमण और अनुपचारित सीवेज के कारण काफी क्षतिग्रस्त हो गई हैं. अब सरकारी अभियान जल शक्ति अभियान के व्यापक उद्देश्यों के अनुरूप है: जिसका नाम 'कैच द रेन-2025' रखा गया है. यह अभियान केवल नियोजन से लेकर जमीनी स्तर पर, जल संरक्षण उपायों के समुदाय-संचालित कार्यान्वयन की ओर एक रणनीतिक बदलाव का प्रतीक है.

जल निकायों की बेहतर निगरानी के लिए होगी मैपिंग

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वन, जल शक्ति और ग्रामीण विकास विभागों को समन्वय का कार्य सौंपा गया है. यह अभियान वन और गैर-वन दोनों क्षेत्रों के जल निकायों को कवर करेगा. इस अभियान को सर्दियों में बर्फबारी के कारण ऊंचाई वाले क्षेत्रों के दुर्गम होने से पहले पूरा करने के लिए एक महीने का समय दिया गया है. जम्मू-कश्मीर के सभी 20 जिलों ने पहले ही जिला जल संरक्षण योजनाएं (DWCP) तैयार कर JSA पोर्टल पर अपलोड कर दी हैं, जिससे जियो-टैगिंग और उसके बाद के संरक्षण प्रयासों के लिए एक वैज्ञानिक आधार तैयार हो गया है. यह अभियान अलग-अलग JSA निधियों पर निर्भर रहने के बजाय, मौजूदा योजनाओं और MGNREGS तथा वित्त आयोग अनुदान जैसे स्रोतों से प्राप्त धन का लाभ उठाने के लिए डिजाइन किया गया है.

एक डिजिटल सूची बनाकर, सरकार पर्यावरण प्रबंधन के लिए अधिक डेटा-संचालित दृष्टिकोण की ओर बढ़ सकती है. सटीक मैपिंग जल निकायों की बेहतर निगरानी को सक्षम करेगा और वैज्ञानिक सटीकता के साथ अवैध अतिक्रमणों से लड़ने में मदद करेगा. यह पहल सामुदायिक सहभागिता को प्रोत्साहित करने के लिए डिज़ाइन की गई है, जिसके मुख्य उद्देश्य जल सुरक्षा और स्थिरता हैं. डेटा-संचालित दृष्टिकोण और सामुदायिक भागीदारी का उद्देश्य जलवायु लचीलापन बनाना और भावी पीढ़ियों के लिए क्षेत्र के जल संसाधनों को सुरक्षित करना है.

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