Trending Photos
नई दिल्ली : भारी हंगामे और कांग्रेस सहित कुछ विपक्षी दलों के वाकआउट के बीच लोकसभा में मंगलवार को एक महत्वपूर्ण विधेयक पर चर्चा हुई जिसमें प्रावधान किया गया है कि केंद्रीय जांच ब्यूरो के प्रमुख के चयन में संबंधित चयन समिति के तीन सदस्यों में से किसी एक की अनुपस्थिति से चयन की प्रक्रिया बाधित नहीं होगी। सरकार ने इसमें स्पष्ट किया कि इसके पीछे उसकी कोई छुपी मंशा नहीं है।
कार्मिक और प्रशिक्षण राज्य मंत्री जितेन्द्र सिंह ने सदन में दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना (संशोधन) विधेयक 2014 विचार के लिए पेश किया। सिंह ने कहा कि अधिनियम में बदलाव यह सुनिश्चित करने के लिए किया जा रहा है कि सीबीआई निदेशक के चयन का महत्वपूर्ण फैसला केवल मात्र इस वजह से बाधित न हो कि चयन समिति के तीन सदस्यों में से कोई एक सदस्य मौजूद नहीं है।
उन्होंने कहा कि तकनीकी दुविधा उत्पन्न होने के चलते यह संशोधन विधेयक लाया गया है लेकिन शायद कांग्रेस को भी यह उम्मीद नहीं थी कि कभी ऐसा दिन भी आ सकता है कि उसकी यह हालत होगी कि विपक्ष का नेता बनने लायक भी उनके पास संख्या बल नहीं हो। उन्होंने कहा कि सभी दलों और विशेषज्ञों से विचार विमर्श करके यह संशोधन विधेयक लाया गया है। उन्होंने कहा कि चूंकि विपक्ष सदन में मौजूद नहीं है इसलिए इस विधेयक को आज पारित करना उचित नहीं होगा। इसे कल पारित कराया जाएगा।
विपक्षी दलों के विरोध के बीच यह संशोधन विधेयक पेश किया गया जिन्होंने विधेयक पेश करने में बरती जा रही जल्दबाजी पर सवाल उठाया था। कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और सपा सदस्यों ने विधेयक के विरोध में सदन से वाकआउट किया।