अगस्ता वेस्टलैंड: मिशेल के प्रतयर्पण की खबर पर 'कभी खुशी-कभी गम' के फेर में CBI
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अगस्ता वेस्टलैंड: मिशेल के प्रतयर्पण की खबर पर 'कभी खुशी-कभी गम' के फेर में CBI

सीबीआई को बुधवार को क्रिश्चियन मिशेल के प्रतयर्पण के बारे में आधिकारिक तौर पर कुछ भी पता नहीं चल सका. 

(फाइल फोटो)

नई दिल्ली: अगस्ता वेस्टलैंड वीवीआइपी हेलीकॉप्टर घोटाले की जांच में जुटी एजेंसियों को उस वक्त बड़ी कामयाबी मिलती दिख जब यह खबर आई कि दुबई की एक अदालत ने क्रिश्चियन मिशेल को लेकर एक बड़ा फैसला सुनाया है.

खबर में कहा गया कि दुबई की एक अदालत ने  क्रिश्चियन मिशेल के प्रत्यर्पण का आदेश दिया है और 3,600 करोड़ रुपये की डील के कथित बिचौलिए एवं ब्रिटिश नागरिक क्रिश्चियन मिशेल के प्रत्यर्पण का रास्ता साफ हो गया है. आधिकारिक सूत्रों ने मंगलवार देर शाम इसकी जानकारी दी. सूत्रों से आई इस ख़बर को सुनकर सीबीआई और ईडी ने राहत की सांस ली. 

हांलाकि बुधवार शाम तक उनकी खुशी- गम में बदल गई. बार-बार अदालत के फैसले के बारे में विदेश मंत्रालय के जरिए पता कराया गया लेकिन शाम तक सीबीआई को ना तो विदेश मंत्रालय से और ना ही इंटरपोल से कुछ पता चला . सीबीआई ने करीब 20 बार दिन में विदेश मंत्रालय से जानकारी ली लेकिन आधिकारिक तौर पर कुछ भी पता नहीं चल सका. 

मीडिया में आई खबरों में बताया गया कि कुछ समय पहले भारत ने इस मामले में सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा की गई आपराधिक जांच के आधार पर खाड़ी देश से आधिकारिक तौर पर इस संबंध में आग्रह किया था. जिसके बाद मंगलवार को अदालत ने यह फैसला दिया.

ईडी ने जून 2016 में मिशेल के खिलाफ दायर अपने आरोप-पत्र में आरोप लगाया था कि उसने अगस्ता वेस्टलैंड से करीब 225 करोड़ रुपये प्राप्त किए. ईडी ने कहा था कि यह पैसा और कुछ नहीं, बल्कि कंपनी द्वारा 12 हेलीकॉप्टरों के समझौते को अपने पक्ष में कराने के लिए वास्तविक लेन-देन के 'नाम पर' दी गई 'रिश्वत थी.

सीबीआई और ईडी द्वारा जांच किए जा रहे मामलों में गुइदो हाश्के और कार्लो गेरोसा के अलावा मिशेल तीसरा कथित बिचौलिया है. अदालत द्वारा उसके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी करने के बाद दोनों जांच एजेंसियों ने उसके खिलाफ इंटरपोल रेड कॉर्नर नोटिस जारी कर दिया था.

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