ऑगस्टावेस्टलैंड चॉपर घोटाला : पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से पूछताछ कर सकती है सीबीआई
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ऑगस्टावेस्टलैंड चॉपर घोटाला : पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से पूछताछ कर सकती है सीबीआई

केंद्रीय जांच एजेंसी (सीबीआई) ऑगस्टावेस्टलैंड हेलीकॉप्टर घोटाला मामले में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से पूछताछ कर सकती है। 'सीएनएन-न्यूज 18' ने सूत्रों के हवाले से रविवार को बताया कि सीबीआई इस मामले में प्रधानमंत्री कार्यालय के पूर्व अधिकारियों से भी पूछताछ कर सकती है। 

ऑगस्टावेस्टलैंड चॉपर घोटाला : पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से पूछताछ कर सकती है सीबीआई

नई दिल्ली : केंद्रीय जांच एजेंसी (सीबीआई) ऑगस्टावेस्टलैंड हेलीकॉप्टर घोटाला मामले में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से पूछताछ कर सकती है। 'सीएनएन-न्यूज 18' ने सूत्रों के हवाले से रविवार को बताया कि सीबीआई इस मामले में प्रधानमंत्री कार्यालय के पूर्व अधिकारियों से भी पूछताछ कर सकती है। 

रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया कि जांच एजेंसी पूर्व प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव रहे टीकेए नायर और पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार एमके नारायणन से भी पूछताछ कर सकती है। यहां तक कि केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई के पूर्व निदेशक रंजीत सिन्हा को पूछताछ के लिए बुला सकती है। 

गौरतलब है कि चॉपर घोटाले में दिल्ली की एक अदालत ने शनिवार को पूर्व वायु सेना प्रमुख एस पी त्यागी को चार दिन के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया। त्यागी को 12 वीवीआईपी हेलीकाप्टरों की खरीद में 450 करोड़ रुपये रिश्वत के मामले में गिरफ्तार किया गया है।

उनके चचेरे भाई संजीव त्यागी उर्फ जूली और अधिवक्ता गौतम खेतान को भी 14 दिसंबर तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया। ये भी संप्रग-2 सरकार के कार्यकाल के दौरान ब्रिटेन स्थित कंपनी अगस्ता वेटस्टलैंड से वीवीआईपी हेलिकॉप्टरों की खरीद के मामले में आरोपी हैं।

मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट सुजीत सौरभ ने उनको यह कहते हुए सीबीआई की हिरासत में भेज दिया कि मामले की निष्पक्ष जांच के लिए उनसे हिरासत में पूछताछ की आवश्यकता है।

सुनवाई के दौरान सीबीआई ने 10 दिन की हिरासत की मांग की। सीबीआई ने कहा कि यह ‘अंतरराष्ट्रीय प्रभाव वाली बहुत बड़ी साजिश है।’ हालांकि, आरोपी की तरफ से उपस्थित वकील ने सीबीआई की याचिका का यह कहते हुए विरोध किया कि मामले में प्राथमिकी तीन साल पहले दर्ज की गई थी और अब गिरफ्तारी के लिए कोई नया आधार नहीं है।

पूर्व वायु सेना प्रमुख की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता एन हरिहरन ने कहा कि अगस्ता वेस्टलैंड से 12 वीवीआईपी हेलिकॉप्टरों की खरीद का फैसला सामूहिक था और प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) भी इसका हिस्सा था।

उन्होंने अदालत से कहा, ‘यह सामूहिक फैसला था, न कि त्यागी का व्यक्तिगत फैसला था। यह एक सामूहिक फैसला था, जिसका पीएमओ हिस्सा था।’

सीबीआई ने आरोप लगाया कि खेतान का दिमाग इसके पीछे था कि कैसे रिश्वत का धन भारत पहुंचा और कई कंपनियों जिनके जरिए धन गुजरकर अस्तित्व में आया। हिरासत में पूछताछ की मांग करते हुए एजेंसी ने कहा कि आरोपियों का सामना कराए जाने की आवश्यकता है और साक्ष्य एकत्र करने के लिए उनकी सहायता की आवश्यकता है और अगस्तावेस्टलैंड द्वारा विदेश में विभिन्न माध्यमों के जरिए दी गई रिश्वत की रकम के ब्योरे का पता लगाए जाने की आवश्यकता है।

उसमें कहा गया है कि उनसे पूछताछ किए जाने की आवश्यकता है और उनका एक-दूसरे से और अभियोगात्मक साक्ष्यों से सामना कराए जाने की आवश्यकता है।

एजेंसी ने आरोप लगाया कि त्यागी ने ‘अपने पद का दुरुपयोग किया था और जब वह एयर चीफ मार्शल थे और उन्होंने जमीन और अन्य (संपत्तियों) में भारी निवेश किया था और उन्होंने अपनी आय के स्रोत का खुलासा नहीं किया था।’ एजेंसी ने यह भी कहा कि समूची साजिश से इंकार नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा, ‘यह बहुत बड़ी साजिश थी जिसका अंतरराष्ट्रीय प्रभाव है। साजिश में अन्य की संलिप्तता से इंकार नहीं किया जा सकता।’ एजेंसी ने दावा किया कि फर्म के अधिकारियों ने संवेदनशील दस्तावेज हासिल किए और हेलिकॉप्टर की खरीद के संबंध में कई सूचनाएं फर्म को प्रेषित की गईं, जिसके बाद अगस्तावेस्टलैंड को सौदा मिला।

(एजेंसी इनपुट के साथ)

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