321 करोड़ रुपए की ठगी में आरोपी किरपाल ने मांगी थी विदेश जाने की अनुमति. चंडीगढ़ सीबीआई की स्पेशल अदालत ने सुनवाई के बाद आरोपी गौरव किरपाल की याचिका खारिज की.
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चंडीगढ़: चंडीगढ़ बेस्ड एक कंपनी के डायरेक्टर गौरव किरपाल पर आरोप है कि उन्होंने इंडियन ओवरसीज बैंक, पंजाब नेशनल बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा को 321 करोड़ रुपए का नुकसान पहुंचाया. गौरव ने 12 फरवरी से 23 मार्च तक दुबई और यूएसए जाने के लिए इजाज़त मांगी थी, लेकिन उसकी एप्लीकेशन सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने खारिज कर दी.
गौरव की एप्लीकेशन का विरोध करते हुए सीबीआई के वकील केपी सिंह ने कहा कि अगर इसे विदेश जाने दिया गया तो ये दूसरा विजय माल्या साबित होगा और ये वापस नहीं आएगा. केपी सिंह ने कहा कि गौरव ने पहले भी झूठी कहानी बनाकर विदेश भागने की कोशिश की थी. उन्होंने कहा कि ये केस से बचने के लिए विदेश में भाग सकता है.
केपी सिंह ने कहा कि 9 अगस्त 2016 को भी गौरव ने यूएई जाने की कोशिश की थी और इमिग्रेशन अथॉरिटीज ने उसे जाने नहीं दिया था और सीबीआई को इस बारे में बता दिया था. वहीं, गौरव किरपाल ने अपनी एप्लीकेशन में कहा कि उसका रेडीमेड गारमेंट्स की सप्लाई का बिजनेस है. इस केस की वजह से उसे बिजनेस में बड़ा नुकसान हुआ. उसे पिछले दो साल में विदेश नहीं जाने दिया गया. वह इस बार बिजनेस के लिए ही दुबई और यूएसए जाना चाहता था.
बता दें कि 8 अगस्त 2016 को दिल्ली सीबीआई ने 41 लोगों पर आईपीसी की धारा 120 बी और 420 के अलावा प्रीवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट की धारा 13(2),13(1) (डी) के तहत एफआईआर दर्ज की थी. आरोप था कि चंडीगढ़ स्थित इंडियन ओवरसीज़ बैंक के कुछ ऑफिशियल्स ने मिलकर दिनेश कुमार, अमनप्रीत सिंह सोढी, अमन किरपाल, गौरव किरपाल की कंपनियों को फायदा पहुंचाया. आरोपियों के कारण सिर्फ इंडियन ओवरसीज़ ही नहीं बल्कि पीएनबी, बैंक ऑफ बड़ौदा को 47.86 मिलियन यूएस डॉलर (करीब 321 करोड़ रुपए) का नुकसान हुआ.