CBI Vs CBI: हैदराबाद व्यापारी सतीश सना को SC से राहत नहीं, नोटिस पर रोक से इनकार
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CBI Vs CBI: हैदराबाद व्यापारी सतीश सना को SC से राहत नहीं, नोटिस पर रोक से इनकार

सना की शिकायत पर सीबीआई ने 15 अक्तूबर को अस्थाना के खिलाफ दो करोड़ की घूसखोरी के आरोप में एफआईआर दर्ज की थी. 

फाइल फोटो

नई दिल्ली : सीबीआई के विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के खिलाफ शिकायत करने वाले हैदराबाद के व्यापारी सतीश सना को सीबीआई के सामने पेश होना होगा. सुप्रीम कोर्ट ने सतीश सना के खिलाफ सीबीआई की नोटिस पर रोक लगाने से इंकार कर दिया है. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने हैदराबाद पुलिस को कहा है कि सतीश सना को सुरक्षा मुहैया कराई जाए.दरअसल,सीबीआई ने सना को पूछताछ के लिए बुलाया था.इस बुलावे पर सना सुप्रीम कोर्ट पहुंच थे. सना ने सुप्रीम कोर्ट से इस मामले में गिरफ्तारी से संरक्षण देने की मांग करते हुए समन पर रोक लगाने को कहा था.अपनी अर्जी में सना ने यह भी कहा था कि उसका कोई भी बयान सीवीसी जांच की निगरानी कर रहे रिटायर जस्टिस एके पटनायक के सामने ही रिकॉर्ड कराया जाए.

2 करोड़ की घूसखोरी का लगा आरोप
सना की शिकायत पर सीबीआई ने 15 अक्तूबर को अस्थाना के खिलाफ दो करोड़ की घूसखोरी के आरोप में एफआईआर दर्ज की थी. उधर, केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) ने इसी मामले में सीबीआई के निदेशक आलोक वर्मा और एजेंसी में नंबर दो अधिकारी अस्थाना को बयान दर्ज करने के लिए बुलाया है.सीवीसी रिटायर्ड जस्टिस पटनायक की निगरानी में सीबीआई के इन दोनों शीर्ष अधिकारियों के आरोपों की जांच कर रहा है.मीट व्यापारी मोईन कुरैशी से जुड़े एक मामले में सना को राहत देने के लिए अस्थाना पर घूस लेने का आरोप है. 

वहीं, अस्थाना ने सीवीसी और कैबिनेट सचिव को आलोक वर्मा पर ही घूस लेने का आरोप लगाते हुए चिट्ठी लिखी थी. मामले ने ऐसा तूल पकड़ा कि केंद्र ने हस्तक्षेप करते हुए दोनों अधिकारियों को छुट्टी पर भेजकर सीवीसी से जांच कराने का फैसला किया.सरकार के इस फैसले के खिलाफ आलोक वर्मा सुप्रीम कोर्ट पहुंच थे.शीर्ष अदालत ने सीवीसी से जांच को जारी रखने और इसकी निगरानी की जिम्मेदारी रिटायर्ड जस्टिस पटनायक को सौंपी है. 

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