Advertising Price Collusion: देश के मीडिया और विज्ञापन जगत में अचानक हड़कंप मच गया है. प्रतिस्पर्धा आयोग (Competition Commission of India-CCI) ने दिल्ली-एनसीआर और मुंबई में एक साथ कई विदेशी मीडिया विज्ञापन कंपनियों के दफ्तरों पर छापेमारी की.
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Advertising Price Collusion: देश के मीडिया और विज्ञापन जगत में अचानक हड़कंप मच गया है. प्रतिस्पर्धा आयोग (Competition Commission of India-CCI) ने दिल्ली-एनसीआर और मुंबई में एक साथ कई विदेशी मीडिया विज्ञापन कंपनियों के दफ्तरों पर छापेमारी की. बताया जा रहा है कि यह कार्रवाई विज्ञापन दरों में साजिश और मनमाने तरीके से रेट तय करने के आरोपों को लेकर की गई है. इस जांच में कई बड़ी नामी कंपनियां और प्रमुख प्रसारक भी शामिल हैं.
कंपनियों पर गंभीर आरोप
सूत्रों के अनुसार जिन कंपनियों के दफ्तरों पर छापे पड़े हैं उनमें ग्रुपएम (GroupM), इंटरपब्लिक ग्रुप (Interpublic Group) और डेंट्सु (Dentsu) जैसी बड़ी विदेशी एजेंसियां शामिल हैं. इन कंपनियों पर आरोप है कि उन्होंने मीडिया कंपनियों के साथ मिलकर विज्ञापन के रेट और डिस्काउंट पहले से तय कर लिए थे ताकि ग्राहकों से कॉन्ट्रैक्ट आसानी से हासिल किए जा सकें. इस मामले में इंडियन ब्रॉडकास्टिंग एंड डिजिटल फाउंडेशन (IBDF) भी जांच के दायरे में है.
कैसे हुआ रेट फिक्सिंग का खेल?
सूत्रों का दावा है कि इन एजेंसियों और प्रसारकों ने मिलकर पहले से एयर टाइम (टीवी पर विज्ञापन दिखाने का समय) और प्रिंट स्पेस (अखबारों में विज्ञापन के लिए जगह) के रेट फिक्स कर दिए थे. यानी कंपनियों को स्वतंत्र रूप से दर तय करने का मौका नहीं दिया गया और प्रतिस्पर्धा के नियमों का उल्लंघन किया गया.
जांच में जब्त होंगे दस्तावेज
छापेमारी के दौरान CCI अधिकारियों ने कई जगहों पर दस्तावेजों की जांच की और आवश्यक कागजात जब्त करने की भी तैयारी की. इसके अलावा संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों के बयान दर्ज किए जाने की भी संभावना है. सूत्रों के अनुसार कई जगहों पर एक साथ कार्रवाई की जा रही है और जांच की प्रक्रिया अभी जारी है.
बड़े नामों पर गहराया संकट
इस पूरे मामले में केवल विदेशी विज्ञापन एजेंसियां ही नहीं बल्कि कई बड़े भारतीय ब्रॉडकास्टर्स और मीडिया समूह भी शक के घेरे में हैं. कहा जा रहा है कि इन शीर्ष एजेंसियों और प्रसारकों ने मिलकर विज्ञापन रेट्स के खेल में हिस्सा लिया और बाजार को प्रभावित करने की कोशिश की.
मीडिया और विज्ञापन जगत में बदलाव का समय
CCI की यह बड़ी कार्रवाई ऐसे समय पर हुई है जब भारत का मीडिया और विज्ञापन उद्योग बड़ा बदलाव देख रहा है. डिजिटल प्लेटफॉर्म के बढ़ते प्रभाव और तेजी से बदलते मार्केट के बीच ऐसे कार्टेल और साजिशें उपभोक्ताओं और छोटे खिलाड़ियों को बड़ा नुकसान पहुंचा सकती हैं. यही कारण है कि CCI ने इस दिशा में सख्त कदम उठाया है.
क्या है CCI और क्या करता है?
भारत का प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) 2003 में प्रतिस्पर्धा अधिनियम (Competition Act) के तहत स्थापित किया गया था. यह एक वैधानिक संस्था है जिसका उद्देश्य देश में निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा को सुनिश्चित करना है. CCI का मुख्य कार्य बाजार में ऐसे किसी भी व्यवहार को रोकना है जो प्रतिस्पर्धा के खिलाफ हो. यह संस्था प्रतिस्पर्धा के दुरुपयोग, कार्टेल बनाने या बाजार में एकाधिकार के दुरुपयोग को सख्ती से रोकने के लिए काम करती है.