नई दिल्ली: जनरल बिपिन रावत (General Bipin Rawat) ने बुधवार को देश के नए चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) का पदभार संभाल लिया है. पदभार संभालने से पहले जनरल बिपिन रावत नेशनल वॉर मेमोरियल पहुंचे और शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की. इसके बाद साउथ ब्लॉक में तीनों सेनाओं ने गार्ड ऑफ ऑनर दिया. उन्होंने अपनी पूरी टीम यानि कि टीम सीडीएस के साथ तस्वीर भी खिंचवाई. तस्वीर में 6 अन्य ऑफिसर्स के साथ रावत खड़े हैं. उनके बायीं तरफ डिप्टी सीडीसी वाइस एडमिरल हरि कुमार खड़े हैं.
जनरल बिपिन रावत इस दौरान नई वर्दी में दिखे. उनकी कैप में भी तब्दीली दिखी. सेना में गोरखा रेजीमेंट से ताल्लुक रखने के कारण हमेशा गोरखा कैप पहनने वाले जनरल रावत ने आज पी-कैप पहनी हुई थी. इस दौरान उनसे पत्रकारों ने पूछा कि नई कैप पहन कर कैसा लग रहा है? इस पर उन्होंने हल्के-फुल्के अंदाज में कहा कि 41 साल के बाद कैप बदलने के कारण थोड़ा हल्का महसूस कर रहा हूं. इसके साथ ही जोड़ा कि इस कैप और वर्दी को पहनने के बाद वह तीनों सेनाओं के लिहाज से न्यूट्रल हो गए हैं.
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नई जिम्मेदारी संभालने के बाद मीडिया से बात करते हुए जनरल रावत ने कहा, सीडीएस तीनों सेनाओं पर नियंत्रण रखेगा, हमें तीनों सर्विसेस के जोड़ को तीन नहीं 5 या 7 बनाना है. ये सीडीएस को टास्क दिया गया. इसके अलावा हम रिसोर्स मैनेजमेंट पर ध्यान देंगे. किस तरह से ट्रेनिंग को आगे ले जा सकते हैं उस पर ध्यान दिया जाएगा. इंटीग्रेशन की ओर ध्यान दिया जाएगा. आगे जो भी टास्क मिलेगा उसे सक्षम रूप से करेंगे. हर जिम्मेदारी को निभाएंगे'
आगे के प्लान और राजनीति से जुड़े सवाल पर जनरल रावत ने कहा, 'प्लान किसी को बताया नहीं जाता. हम लोग राजनीति से दूर रहते हैं. हम सरकार के आदेशों का पालन करते हैं.' अंडमान निकोबार कमांड को लेकर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा, 'एयर चीफ मार्शल धनोआ के रिटायरमेंट के बाद मैं ज्वाइंट टीम का चीफ था. तभी से अंडमान निकोबार कमांड उसके नीचे चल रही है.'
सीडीएस की भूमिका?
भारत का पहला तीनों सेनाओं का अध्यक्ष यानी सीडीएस (CDS) रक्षा मंत्रालय के तहत डिपार्टमेंट ऑफ मिलिटरी अफेयर्स का मुखिया होंगे. सीडीएस (CDS) रक्षामंत्री से रक्षा मामलों से जुड़े मसलों पर सीधे संपर्क कर सकेगा और राय दे सकेगा. तीनों सेनाओं की सारी सम्मिलित कमान यानी ट्राइ सर्विस कमांड अब सीडीएस (CDS) के अधीन होंगी. करगिल युद्ध के बाद कारगिल रिव्यू कमेटी और नरेश चंद्रा कमेटी ने सीडीएस (CDS) की सिफारिश की थी.
सेनाओं के बीच बेहतर तालमेल
इससे तीनों सेनाओं के बीच बेहतर तालमेल का साथ-साथ रक्षा बजट का उचित इस्तेमाल हो सकेगा. तीनों सेनाओं के ऑफिसरों का ट्रेनिंग स्कूल यानी नेशनल डिफेंस एकेडमी सीडीएस (CDS) की कमान में होगा. इसके अलावा आर्म्ड फोर्सेज़ मेडिकल सर्विस, इंजीनियरिंग सर्विस और नेशनल डिफेंस कॉलेज भी सीडीएस (CDS) की कमान में होगा.
भविष्य की रणनीति बनाएंगे
सीडीएस (CDS) को सबसे प्रमुख जिम्मेदारी भविष्य की रणनीति बनाने की होगी. भविष्य में तीनों सेनाओं की सम्मिलित कमान यानी थियेटर कमान की योजना बनाने का काम भी सीडीएस (CDS) करेगा. तीनों सेनाओं को मिलने वाले बजट का उचित इस्तेमाल करने के लिए सीडीएस (CDS) डिफेंस एक्विजिशन काउंसिल यानि डीएसी का सदस्य होगा.
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