देश में पहली बार बिना कागज कलम के होगी जनगणना, बजट में 3750 करोड़ का ऐलान
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देश में पहली बार बिना कागज कलम के होगी जनगणना, बजट में 3750 करोड़ का ऐलान

वित्तमंत्री सीतारमण ने ऐतिहासिक ऐलान करते हुए जनगणना को डिजिटल रूप से करने का ऐलान किया है. इसके लिए एक खास मोबाइल ऐप भी बनाई जा रही है जो जनगणना करने वाले अधिकारियों को दी जाएगी.

प्रतीकात्मक तस्वीर

नई दिल्ली: वित्त मंत्री सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने अपने बजट भाषण के दौरान डिजिटल जनगणना (Digital Census) करने का ऐतिहासिक ऐलान किया है. ऐसा पहली बार होगा जब पारंपरिक कागज और कलम के इस्तेमाल के बिना मोबाइल ऐप पर जनगणना की जाएगी. इसके लिए बकायदा करोड़ों रुपये भी आवंटित किए गए हैं.

बजट के आंकड़ों के मुताबिक, केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 2021-22 के लिए गृह मंत्रालय को करीब 1,66,547 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं. इनमें से ज्यादातर राशि पुलिस बलों के लिए है. इसके अलावा एक खासी रकम डिजिटल जनगणना संबंधी कार्यों के लिए है. इसके लिए खास एक ऐप भी सरकार ने विकसित किया है जो गणना अधिकारियों को अपने मोबाइल पर डाउनलोड करना होगा.

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जनगणना के लिए  3,768 करोड़ रुपये आवंटित

आंकड़ों के अनुसार, गृह मंत्रालय को सीआरपीएफ (CRPF), बीएसएफ (BSF), सीआईएसएफ (CISF) आदि जैसे केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के लिए 1,03,802.52 करोड़ रुपये और अगली जनगणना से संबंधित कार्यों के लिए 3,768.28 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं. हालांकि पहले कोरोना वायरस (Coronavirus) महामारी के कारण 2021 की जनगणना को स्थगित कर दिया गया है. लेकिन अब जनगणना को डिजिटली करने का फैसला लिया गया है.

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आपदा प्रबंधन के लिए आवंटित हुई इतनी रकम

केंद्रीय योजनाओं और गृह मंत्रालय की परियोजनाओं के लिए 1,641.12 करोड़ रुपये तथा आपदा प्रबंधन के लिए 481.61 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं. केंद्रशासित प्रदेश अंडमान निकोबार द्वीप समूह को 5,317.41 करोड़ रुपये, चंडीगढ़ को 4,661.12 करोड़ रुपये, दादरा और नगर हवेली और दमन एवं दीव को 2,204.59 करोड़ रुपये, लक्षद्वीप को 1,440.56 करोड़ रुपये तथा पुडुचेरी को 1,729.79 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं.

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