नई दिल्ली: कोरोना (Coronavirus) के तेजी से बढ़ते मामलों के बीच केंद्र सरकार (Central Government) ने शनिवार को राज्यों के साथ हाई लेवल मीटिंग (High Level Meeting) की. इस दौरान ज्यादा संक्रमित वाले 12 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों को कोरोना जांच बढ़ाने और कोविड-19 गाइडलाइन का सख्ती से पालन कराने के निर्देश दिए गए हैं. 


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इन 12 राज्य और केंद्र शासित प्रदेश में महाराष्ट्र, गुजरात, हरियाणा, तमिलनाडु, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, दिल्ली, जम्मू कश्मीर, कर्नाटक, पंजाब और बिहार का नाम शामिल है. केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में सभी राज्यों के प्रभावित जिलों का विश्लेषण और कुछ अहम आंकड़े भी पेश किए गए. इस दौरान 12 राज्यों के अतिरिक्त मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव और सचिव (स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण) और कोविड-19 के सर्वाधिक मामलों और मृत्यु से जुड़े 46 जिलों के निगम आयुक्तों व जिलाधिकारियों भी मौजूद रहे. 


मरने वाले ज्यादातर लोगों की उम्र 45 साल से अधिक


बैठक में पेश किए गए आंकड़ों के मुताबिक, 'कोरोना से होने वाली मौत के मामलों में लगभग 90 प्रतिशत मामले 45 साल से ज्यादा आयुवर्ग वालों के हैं. नतीजों में हाईलाइट किया गया है कि 90 प्रतिशत लोगों को जहां इस बीमारी के बारे में जानकारी है, वहीं मास्क वास्तव में सिर्फ 44 प्रतिशत लोग ही लगाते हैं.' वहीं, सरकार ने बताया कि मई 2020 के बाद से कोविड-19 संक्रमण और उससे होने वाली मृत्यु के साप्ताहिक मामलों में सबसे ज्यादा तेजी देखी गई है. सरकार ने कहा कि ज्यादा ध्यान उन 46 जिलों में है, जहां से इस महीने संक्रमण के कुल मामलों का 71 प्रतिशत और इनसे होने वाली मौत के मामले में 69 प्रतिशत मामले सामने आए.


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1 संक्रमित 406 लोगों में फैला सकता है बीमारी


स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा, 'एक संक्रमित व्यक्ति रोकटोक नहीं होने पर 30 दिनों की अवधि में 406 और लोगों को संक्रमित कर सकता है. जबकि फिजिकल संपर्क में आने को अगर घटाकर 50 प्रतिशत कर दिया जाए तो यह आंकड़ा घटकर 15 लोगों का हो जाएगा. वहीं फिजिकल संपर्क में अगर 75 प्रतिशत तक कमी कर दी जाए, तो पीड़ित के संपर्क में आने पर संक्रमित होने वालों की संख्या 2.5 (औसतन) रह जाएगी.'


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'दूसरी लहर' लोगों की लापरवाही का नतीजा


मंत्रालय ने ये भी कहा कि दूसरी लहर की परिकल्पना कोरोना गाइडलाइन में लोगों की लापरवाही से ज्यादा रिफ्लेक्टिड  हो रही है. ऐसे में प्रभावी प्रतिबंध और कोरोना मरीज के संपर्क में आए लोगों की तलाश समेत 46 दिनों में कम से कम 14 दिनों तक सख्त कार्रवाई की जरूरत है, जिससे संक्रमण के प्रसार को रोका जा सके. केंद्र ने कहा कि इसके लिए राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों को पांच स्तरीय रणनीति पर काम करना होगा.


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5 स्तरीय रणनीति पर करना होगा काम


केंद्र ने बताया कि कोरोना की रोकथाम के लिए सबसे पहले राज्यों को कोरोना टेस्टिंग में तेजी लानी होगी. इनमें से 70 प्रतिशत जांच RT-PCR से करने की कोशिश पर जोर देना होगा. इसके अलावा संपर्क में आए लोगों को क्वारंटीन करने के लिए प्रभावी कदम उठाने होंगे. केंद्र ने कहा कि शुरुआती 72 घंटों के अंदर पीड़ित के संपर्क में आए औसतन 30 करीबी लोगों की पहचान की जाए और जांच कर उन्हें क्वारंटीन पृथकवास में भेजा जाए. आखिर में ज्यादा संक्रमित वाले क्षेत्रों की पहचान कर उन्हें कंटेनमेंट जोन घोषित कर दिया जाए. इससे यकीनन कोरोना प्रसार को रोकने में मदद मिलेगी.


(इनपुट- भाषा)


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