Keeladi Row: केंद्र सरकार और तमिलनाडु सरकार के बीच कीलाडी पुरातात्विक खोज की उम्र को लेकर चल रहा विवाद अब और तेज हो गया है. इस विवाद का पहला शिकार बने हैं पुरातत्वविद के. अमरनाथ रामकृष्ण. जानें पूरी कहानी.
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Archaeologist Amarnath Transferred: कीलाडी में पुरातात्विक खोजों की प्राचीनता को लेकर तमिलनाडु सरकार के साथ विवाद के बाद केंद्र सरकार ने अमरनाथ रामकृष्ण को एएसआई निदेशक (पुरातनता) के पद से हटा दिया है. रामकृष्ण ने एक रिपोर्ट प्रस्तुत की थी जिसमें कहा गया था कि दक्षिण तमिलनाडु में मिली वस्तुएं 8वीं शताब्दी ईसा पूर्व की हैं. 10 जून को केंद्रीय संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि कीलाडी रिपोर्ट वैज्ञानिक रूप से सही नहीं है, जिसके बाद तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने केंद्र की आलोचना करते हुए कहा कि रिपोर्ट नहीं बल्कि कुछ मानसिकताएं हैं जिन्हें बदलने की जरूरत है.
जिसने खोजा उसे ही हटा दिया गया
टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, तमिलनाडु सरकार ने द्रविड़ गौरव के अपने आख्यान को आगे बढ़ाने के लिए राज्य में पुरातात्विक खुदाई को पुनर्जीवित किया था. एएसआई निदेशक (अन्वेषण और उत्खनन) हेमसागर ए नाइक, जिन्होंने 21 मई को अमरनाथ को एक पत्र भेजा था जिसमें कीलाडी निष्कर्षों की तिथि के लिए "ठोस औचित्य" मांगा गया था और रामकृष्ण से तीखी प्रतिक्रिया मिली थी. जिसके बाद से ही केंद्र सरकार और तमिलनाडु सरकार के बीच कीलड़ी पुरातात्विक खोज की उम्र को लेकर चल रहा विवाद गहरा गया था. जिसके बाद इस विवाद का पहला शिकार पुरातत्वविद के. अमरनाथ रामकृष्ण ही बन गए जिन्होंने तमिलनाडु के कीलड़ी उत्खनन का नेतृत्व किया था. उन्हें अब नई दिल्ली से ग्रेटर नोएडा में नेशनल मिशन ऑन मोन्यूमेंट्स एंड एंटीक्विटीज (NMMA) का निदेशक बनाया गया है. यह उनकी एक साल से भी कम समय में तीसरी बार पद बदलने की घटना है. इस कदम की तमिलनाडु में राजनीतिक नेताओं और विद्वानों ने कड़ी आलोचना की है.
क्या है कीलड़ी विवाद?
कीलड़ी तमिलनाडु के शिवगंगा जिले में वैगई नदी के किनारे स्थित एक महत्वपूर्ण पुरातात्विक स्थल है. अमरनाथ रामकृष्ण की अगुवाई में की गई खुदाई से पता चला कि यहां संगम युग के दौरान एक विकसित शहरी तमिल सभ्यता थी. उनकी रिपोर्ट में दावा किया गया कि कीलड़ी के अवशेष 8वीं शताब्दी ईसा पूर्व के हैं. लेकिन केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय और पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (ASI) ने इस दावे को पूरी तरह स्वीकार नहीं किया. केंद्रीय संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि यह रिपोर्ट "वैज्ञानिक रूप से मजबूत" नहीं है और इसके लिए और सबूत चाहिए.
राजनीतिक नेताओं की तीखी प्रतिक्रिया
तमिलनाडु में इस तबादले ने राजनीतिक तूफान खड़ा कर दिया है. डीएमके सांसद पी. विल्सन ने इसे "अनुचित और तानाशाही भरा तबादला" करार दिया. जिसके बाद यह विवाद न केवल पुरातत्व के क्षेत्र में बल्कि राजनीति में भी चर्चा का विषय बन गया है.