Chandigarh Mayor Election News: चंडीगढ़ मेयर चुनाव को लेकर भाजपा की सारी रणनीति फेल हो सकती है. जी हां, सुप्रीम कोर्ट ने एक लाइन में इसके संकेत दे दिए हैं. चीफ जस्टिस डी. वाई. चंद्रचूड़ ने कहा, 'खरीद-फरोख्त हो रही है. इसे लेकर हम बेहद चिंतित हैं.’ साथ ही महापौर चुनाव केस की सुनवाई आज टालने की मांग हो रही थी लेकिन कोर्ट ने आज ही सुनवाई का फैसला किया है. SC ने कहा है कि नए सिरे से मतदान का आदेश देने के बजाय वह पहले डाले गए वोटों के आधार पर ही रिजल्ट घोषित करने पर विचार कर सकता है. यही बात बीजेपी की टेंशन बढ़ा सकती है. 


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तीन पार्षद टूटे और...


हां, बीजेपी ने सारा दांव यह सोचकर चला था कि सुप्रीम कोर्ट फिर से चुनाव कराने का आदेश देगा और वह AAP के तीन सदस्यों को अपने खेमे में लाकर जरूरी आंकड़े जुटा लेगी. हालांकि कल संक्षिप्त सुनवाई में ही सुप्रीम कोर्ट ने साफ संकेत दे दिया कि वह सब कुछ समझ रहा है. कोर्ट ने पहले चुनाव अधिकारी अनिल मसीह को जमकर फटकार लगाई और स्पष्ट रूप से ‘खरीद-फरोख्त होने’ का जिक्र किया.  


आज सुप्रीम कोर्ट चंडीगढ़ महापौर चुनाव के मतपत्रों और मतगणना के दिन की पूरी वीडियो रिकॉर्डिंग देखेगा. अदालत ने पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को रिकॉर्ड सुरक्षित रूप से दिल्ली लाने के लिए एक न्यायिक अधिकारी नियुक्त करने का भी निर्देश दिया. आज जज पार्षदों के बैलट पेपर देखेंगे. अगर वे सेफ मिले तो उसी आधार पर कोर्ट नतीजे घोषित करने का आदेश दे सकता है. 


उस दिन क्या हुआ था


- भाजपा ने 30 जनवरी को चंडीगढ़ महापौर चुनाव में कांग्रेस - आप गठबंधन के खिलाफ जीत हासिल की थी. 
- भाजपा के मनोज सोनकर ने आप के कुलदीप कुमार को हराया था. भाजपा को 16 वोट और विपक्षी उम्मीदवार को 12 वोट मिले जबकि गठबंधन बहुमत का दावा कर रहा था. आठ वोट अवैध घोषित किए गए थे.
- सारा खेल सीसीटीवी में दिखाई दे दिया. जिस तरह निर्वाचन अधिकारी अनिल मसीह इधर-उधर देखते हुए मतपत्रों पर कुछ कर रहे थे उसने शंका पैदा कर दी और सुप्रीम कोर्ट ने भी इसे गलत माना. 
- कोर्ट ने पहले ही कह दिया है कि मतपत्रों से छेड़छाड़ करने के लिए चुनाव अधिकारी पर मुकदमा चलाया जाना चाहिए. 


SC पीठ ने कल कहा, ‘हम 20 फरवरी को मतपत्र देखेंगे और तय करेंगे कि क्या करना है. खरीद-फरोख्त का यह जो पूरा कृत्य चल रहा है, वह बहुत परेशान करने वाला है.' मतगणना का पूरा वीडियो भी दोपहर में पेश किया जाएगा. कोर्ट ने अनिल मसीह को आज भी उपस्थित रहने का निर्देश दिया है. 


फिर से चुनाव का सुझाव लेकिन...


वैसे, सुनवाई की शुरुआत में ही कल चंडीगढ़ प्रशासन की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुझाव दिया कि हाई कोर्ट द्वारा नियुक्त एक न्यायिक अधिकारी की देखरेख में नए सिरे से चुनाव कराया जाए. आप पार्षद और महापौर पद के हारे उम्मीदवार कुलदीप कुमार के वकील ने इसका कड़ा विरोध किया. 


मसीह ने मान ली 'गलती'


हां, कल जजों के सवालों का जवाब देते हुए उस दिन के चुनाव अधिकारी मसीह ने कहा कि उन्होंने पहले से ही ‘विरूपित’ आठ मतपत्रों पर ‘एक्स’ चिह्न लगाया था. उन्होंने आप के पार्षदों पर हंगामा करने और मतपत्र छीनने की कोशिश करने का आरोप लगाया और कहा कि इसी के चलते वह मतगणना केंद्र पर लगे सीसीटीवी कैमरे की तरफ देख रहे थे. निर्वाचन अधिकारी ने आठ मतपत्रों पर ‘एक्स’ निशान लगाने की बात स्वीकार करते हुए दावा किया कि उन्होंने यह सुनिश्चित करने के लिए ऐसा किया था जिससे वे मिक्स न हो जाएं. इस पर पीठ ने कहा, ‘आप मतपत्र पर हस्ताक्षर कर सकते हैं लेकिन आप उन मतपत्रों पर ‘एक्स’ चिह्न क्यों लगा रहे थे?’


आप नेता के वकील ने कहा कि मसीह भाजपा की अल्पसंख्यक शाखा के सदस्य थे और उनके ऐसा करने के बावजूद चुनाव प्रक्रिया को अब निष्कर्ष तक ले जाया जा सकता है. इस दलील का सॉलिसिटर जनरल ने इस आधार पर विरोध किया कि माना जाता है कि कुछ मतपत्र फटे हुए हैं. आप नेता ने दावा किया है कि गठबंधन के पास नगर निकाय में भाजपा के 16 के मुकाबले 20 वोट थे और गठबंधन के आठ मतपत्रों को ‘विरूपित’ करके उन्हें अमान्य कर दिया गया था.