साल का पहला चंद्रग्रहण: जानिए क्या करें, क्या ना करें...
Advertisement

साल का पहला चंद्रग्रहण: जानिए क्या करें, क्या ना करें...

ज्योतिष के मुताबिक चंद्रग्रहण का सूतक सुबह 7 बजे से शाम को 8 बजकर 41 मिनट तक रहेगा. भारत में चंद्र ग्रहण की शुरुआत शाम 5.18 मिनट पर होगी, जबकि पूर्ण चंद्र ग्रहण शाम 6.21 मिनट पर शुरू होगा और 7.37 मिनट तक चलेगा.

विज्ञान और पुराण दोनों ही मानते हैं चंद्रग्रहण को खास (फाइल फोटो)

नई दिल्ली : वर्ष 2018 का पहला चंद्रग्रहण 31 जनवरी को लगेगा. इस चंद्रग्रहण को दुर्लभ पूर्ण चंद्रग्रहण कहा जा रहा है, यह वर्ष का पहला चंद्रग्रहण होगा जो 77 मिनट तक रहेगा. ज्योतिष के मुताबिक चंद्रग्रहण का सूतक सुबह 7 बजे से शाम को 8 बजकर 41 मिनट तक रहेगा. भारत में चंद्र ग्रहण की शुरुआत शाम 5.18 मिनट पर होगी, जबकि पूर्ण चंद्र ग्रहण शाम 6.21 मिनट पर शुरू होगा और 7.37 मिनट तक चलेगा.

  1. 31 जनवरी को लगेगा साल का पहला चंद्रग्रहण
  2. 77 मिनट तक रहेगा दुलर्भ पूर्ण चंद्रग्रहण
  3. विज्ञान और पुराण दोनों ही मानते हैं चंद्रग्रहण को खास

कोलकाता में 31 जनवरी को दिन शाम करीब पांच बजकर 17 मिनट पर चंद्र ग्रहण देखा जाएगा, जबकि पूर्ण चंद्र ग्रहण पांच बजकर 18 मिनट पर शुरू होगा.एम पी बिरला तारामंडल के निदेशक देवीप्रसाद द्वारी के मुताबिक चंद्र ग्रहण भारत में 1 घंटा 16 मिनट रहेगा. द्वारी ने कहा कि भारत में इस चंद्र ग्रहण के बाद अगला चंद्रग्रहण 27 जुलाई को नजर आएगा.

यह भी पढ़ें : 100 साल बाद बना सूर्यग्रहण ये संयोग, नासा ने VIDEO से समझाया क्यों है खास

आज होने वाला चंद्रग्रहण मध्य एवं पूर्वी एशिया, इंडोनेशिया, न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया में दिखाई देगा. 

चंद्रग्रहण के दौरान ना करें ये काम

  • चंद्र ग्रहण के समय किसी भी भगवान की मूर्ति और तस्वीर को हाथ नहीं लगा लगाना चाहिए
  • चंद्र ग्रहण के समय मंदिर के दरवाजे बंद कर देने चाहिए.
  • चंद्र ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को खास ध्यान रखने की जरूरत है
  • गर्भवती महिला को चाकू-कैंची का प्रयोग नहीं करना चाहिए
  • ग्रहण के वक्त वातावरण में नकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है,
  • नकारात्मक ऊर्जा बच्चे और मां दोनों के लिए हानिकारक मानी जाती है.
  • ग्रहण के समय खाना पकाने और खाने से बचना चाहिए
  • ग्रहण के समय सोने से भी बचना चाहिए. ऐसा कहा जाता है कि ग्रहण के वक्त सोने से सेहत पर बुरा असर पड़ता है.
  • चंद्र ग्रहण के समय तुलसी और शमी के पेड़ को नहीं छूना चाहिए.

यह भी पढ़ें : ...जब दिखेगा सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा की लुकाछिपी का अनूठा नजारा

पौराणिक मान्यता 
ज्योतिष के अनुसार राहु ,केतु को अनिष्टकारण ग्रह माना गया है. चंद्रग्रहण की के समय राहु और केतु की छाया सूर्य और चंद्रमा पर पड़ती है. इस कारण सृष्टि इस दौरान अपवित्र और दूषित को हो जाती है. पौराणिक मान्यता के अनुसार चंद्रग्रहण के समय कुछ काम करने से बचना चाहिए. 

यह भी पढ़ें : चंद्रग्रहण पर दिखा अद्भुत नजारा, सूरज की तरह लाल नजर आया चंद्रमा

कब होता है चंद्र ग्रहण ?
चंद्रग्रहण उस खगोलीय स्थिति को कहते हैं जब चंद्रमा पृथ्वी के ठीक पीछे उसकी प्रतिच्छाया में आ जाता है. ऐसे में सूर्य, पृथ्वी और चन्द्रमा इस क्रम में लगभग एक सीधी रेखा में आ जाते हैं. चंद्रग्रहण और सूर्यग्रहण हमेशा साथ-साथ होते हैं तथा सूर्यग्रहण से दो सप्ताह पहले चंद्रग्रहण होता है. 

यह भी पढ़ें : सूरज के मुखड़े पर बिंदिया की तरह चमकेगा बुध ग्रह

वैज्ञानिक मान्यता
ग्रहण के वक्त वातावरण में नकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है. इसलिए यह समय को अशुभ माना जाता है. इस दौरान अल्ट्रावॉयलेट किरणें निकलती हैं जो एंजाइम सिस्टम को प्रभावित करती हैं, इसलिए ग्रहण के दौरान सावधानी बरतने की जरूरत होती है. इस समय चंद्रमा, पृथ्वी के सबसे नजदीक होता है, जिससे गुरुत्वाकर्षण का सबसे अधिक प्रभाव पड़ता है. इसी कारण समुद्र में ज्वार भाटा आते हैं.  भूकंप भी गुरुत्वाकर्षण के घटने और बढ़ने के कारण ही आते हैं.

Trending news