पवन कल्याण को लेकर विधानसभा चुनावों से पहले कसम खाने वाले युवजन श्रमिक रायथू कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) के वरिष्ठ नेता मुद्रगदा पदमनाभम ने आधिकारिक रूप से अपना नाम बदलकर 'पदमनाभा रेड्डी' कर लिया.
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अमरावती: आंध्र प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद शुक्रवार को विधानसभा में विधायकों का शपथ ग्रहण हुआ. उसमें सबसे पहले टीडीपी नेता और मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने शपथ ली. उन्होंने 31 महीने पहले कसम खाई थी कि जब तक सीएम बनकर नहीं लौटेंगे, विधानसभा में कदम नहीं रखेंगे. उस कसम के पूरा होने के बाद उन्होंने आज सबसे पहले शपथ ली. चौथी बार मुख्यमंत्री बने नायडू का तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) और उसके सहयोगी जन सेना और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सदस्यों ने जोरदार स्वागत किया.
उसके बाद डिप्टी सीएम पवन कल्याण ने शपथ ली. टीडीपी प्रमुख ने जन सेना नेता और अभिनेता पवन कल्याण को गले लगाया, जो पहली बार विधानसभा के लिए चुने गए हैं. डिप्टी सीएम पवन कल्याण विधायक के रूप में शपथ लेने वाले दूसरे व्यक्ति थे. इसके बाद नायडू के बेटे नारा लोकेश सहित कई मंत्रियों ने शपथ ली, जो विधानसभा में नए चेहरे हैं.
मंत्रियों के बाद जगन मोहन रेड्डी ने विधायक के रूप में शपथ ली. वाईएसआरसीपी प्रमुख को शपथ से पहले और बाद में हाथ जोड़कर चंद्रबाबू नायडू और सत्ता पक्ष का अभिवादन करते देखा गया. सत्र शुरू होने के वक्त जगन मोहन मौजूद नहीं थे. वे विधानसभा परिसर में पांच मिनट देर से पहुंचे. शपथ लेने के बाद वो सदन से बाहर चले गए.
हाल ही में हुए चुनाव में टीडीपी-जन सेना-बीजेपी गठबंधन ने 175 सदस्यीय विधानसभा में 164 सीटें जीती हैं. पिछली विधानसभा में 151 सदस्यों वाली वाईएसआरसीपी सिर्फ 11 सीटों पर सिमट गई. गठबंधन ने 25 लोकसभा सीटों में से 21 पर भी जीत दर्ज की.
नेता ने बदला अपना नाम
इस बीच पवन कल्याण को लेकर विधानसभा चुनावों से पहले कसम खाने वाले युवजन श्रमिक रायथू कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) के वरिष्ठ नेता मुद्रगदा पदमनाभम ने आधिकारिक रूप से अपना नाम बदलकर 'पदमनाभा रेड्डी' कर लिया. वाईएसआरसीपी नेता ने हाल ही में संपन्न हुए विधानसभा चुनावों के प्रचार के दौरान जनसेना प्रमुख पवन कल्याण को हराने और ऐसा करने में विफल रहने पर अपना नाम बदलने का वादा किया था. पीथापुरम विधानसभा क्षेत्र में कल्याण की जीत के बाद 70 वर्षीय रेड्डी ने अपना नाम बदल लिया. चुनावों से पहले वाईएसआरसीपी नेता ने कल्याण को हराने की चुनौती दी थी.
रेड्डी ने संवाददाताओं से कहा, 'किसी ने मुझे अपना नाम बदलने के लिए मजबूर नहीं किया. मैंने अपनी इच्छा से इसे बदला.' उन्होंने हालांकि जनसेना प्रमुख के प्रशंसकों द्वारा उनसे कथित तौर पर दुर्व्यवहार किये जाने की शिकायत की. रेड्डी ने कहा, 'जो युवा आपसे (कल्याण से) प्यार करते हैं, वे लगातार मुझे अपशब्द कह रहे हैं. मेरे हिसाब से यह सही नहीं है. गाली देने के बजाय एक काम करो...हमें (परिवार के सभी सदस्यों को) खत्म कर दो.'
कापू समुदाय के एक प्रमुख नेता और सरकार में पूर्व मंत्री रेड्डी ने कापू आरक्षण के लिए अभियान चलाया है. चुनाव से कुछ महीने पहले ही रेड्डी वाईएसआरसीपी में शामिल हुए थे.