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नई दिल्लीः दवाओं की ब्रिक्री को लेकर ‘‘सख्त’’ नियमों के विरोध में मंगलवार को पूरे देश में दवा की दुकानें बंद रहीं. ऑल इंडिया ऑर्गेनाइजेशन ऑफ केमिस्ट्स एंड ड्रगिस्ट्स (एआईओसीडी) के अनुसार उन्होंने सरकार को सख्त नियम के खिलाफ प्रस्ताव भेजे थे लेकिन इसे सुना नहीं गया और इसके बाद एक दिन की हड़ताल आह्वान किया गया.
Medical stores in Chennai (TN) & Punjab's Ludhiana remain closed in protest against Central Heath Ministry's E-portal policy pic.twitter.com/gXO1Bf1Mn7
— ANI (@ANI_news) May 30, 2017
जानिए क्यों है दवा विक्रेताओं की हड़ताल
- दरअसल सरकार एक ड्रग पोर्टल लाने की तैयारी कर रही है जिसमें दवा निर्माता, वितरक और खुदरा विक्रेताओं को पंजीकरण कराने के साथ दवा बिक्री का लेखाजोखा रोजाना रखना होगा.
- दवा विक्रेताओं को डॉक्टर की पर्ची को वेबसाइट पर अपलोड करना होगा, तभी वह किसी को दवा दे सकेंगे.
- दवा विक्रेताओं का कहना है कि यह नियम औचित्य नहीं हैं, इसी तरह सरकार बिना फर्मासिस्ट दवा बेचने पर रोक लगा रही है, जबकि अवैध तरीके से ऑनलाइन दवा बिक्री पर कोई रोक नहीं हैं.
क्या कहतें हैं दवा विक्रता संगठन
- ऑल इंडिया ऑर्गेनाइजेशन ऑफ केमिस्ट्स एंड ड्रगिस्ट्स (एआईओसीडी) का कहना है कि हमें दवाओं की बिक्री से संबंधित सभी जानकारी एक पोर्टल पर डालने को कहा गया है, जो कि मौजूदा ढांचे में संभव नहीं है.’
- ऑल दिल्ली रिटेल ड्रग्स केमिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष संदीप नांगिया ने बताया कि ऑल इंडिया ऑर्गनाइजेशन ऑफ केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट के आह्वान पर दिल्ली की करीब 15 हजार दवा की दुकानें मंगलवार को हड़ताल पर रहेंगी.
- दिल्ली ट्रेडर्स ड्रग एसोसिएशन के अध्यक्ष दर्शन मित्तल के मुताबिक महंगाई कहां से कहां पहुंच गई है. दवाओं के रखरखाव में विक्रेताओं का काफी पैसा खर्च हो रहा है. तब भी उनके दुकानदारों के लिए सरकार द्वारा तय मुनाफा 16 फीसद से अधिक नहीं बढ़ा है.