चेंगन्नूर उपचुनाव : देश के इकलौते वामगढ़ 'केरल' में हार कर भी क्यों खुश है बीजेपी
Advertisement

चेंगन्नूर उपचुनाव : देश के इकलौते वामगढ़ 'केरल' में हार कर भी क्यों खुश है बीजेपी

फिलहाल केरल में ओ. राजगोपाल तिरुवनंतपुरम जिले में नेमॉम सीट से बीजेपी के इकलौते विधायक हैं. 

केरल में हार के बाद भी बीजेपी का वोटबैंक लगातार बढ़ रहा है

नई दिल्ली : केरल की चेंगन्नूर विधानसभा में सीपीएम उम्मीदवार साजी चेरियन ने कांग्रेस को 20 हजार से अधिक मतों से पटखनी देकर जीत हासिल की है. यहां बीजेपी भले ही तीसरे स्थान पर रही हो, लेकिन बावजूद इसके बीजेपी के वोटबैंक में लगातार इजाफा हो रहा है. केरल में जहां पहले एलडीएफ और यूडीएफ के बीच ही मुकाबला होता था, अब इस मुकाबले में बीजेपी भी कूद पड़ी है. चेंगन्नूर में त्रिकोणिय मुकाबला हुआ. राजनीति के जानकार बताते हैं कि देश के इकलौते वामगढ़ में बीजेपी सेंध लगाने के पूरे मूड में है और नतीजे बता रहे हैं कि पार्टी की रणनीति सही दिशा में काम कर रही है. फिलहाल केरल में ओ. राजगोपाल तिरुवनंतपुरम जिले में नेमॉम सीट से बीजेपी के इकलौते विधायक हैं. पिछले विधानसभा चुनाव में पहली बार नेमॉम सीट बीजेपी के उम्मीदवार ओ राजगोपाल जीतकर विधायक बने.

  1. चेंगन्नूर विधानसभा CPM उम्मीदवार ने हासिल की जीत
  2. उपचुनाव में कांग्रेस दूसरे और बीजेपी तीसरे स्थान पर
  3. हार के बाद भी केरल में  बढ़ रहा है बीजेपी का वोटबैंक

मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) उम्मीदवार साजी चेरियन ने कांग्रेस के अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी डी.विजयकुमार को 20,956 मतों से हराकर चेंगन्नूर विधानसभा सीट पर जीत दर्ज की. 182 मतदान केंद्रों पर समाप्त हुई मतगणना प्रक्रिया के अंत में चेरियन को 67,303 वोट मिले, जबकि विजयकुमार को 46,347 और बीजेपी के पीएस श्रीधरन पिल्लई 35,270 वोटों के साथ तीसरे स्थान पर रहे. मतदान 28 मई, सोमवार को हुआ था.

वर्ष 2016 के विधानसभा चुनाव में माकपा उम्मीदवार केके रामचंद्रन नायर 7,893 वोटों से जीते थे और उनके जनवरी में असामयिक निधन से उपचुनाव कराना पड़ा. नायर ने उस समय दो बार के कांग्रेस के विधायक पीसी विष्णुनाथ को हराया था, जबकि पिल्लई 2,305 वोटों के साथ तीसरे स्थान पर रहे थे. पीएस श्रीधरन पिल्लई केरल के पूर्व बीजेपी अध्यक्ष रहे हैं. 

विधानसभा उपचुनाव नतीजे 2018 : सीपीएम ने बचाए रखा किला, भारी अंतर से जीती चेंगन्नूर सीट

मतगणना सुबह आठ बजे शुरू हुई थी. चेरियन ने शुरुआत से ही मजबूत बढ़त बनाए रखी और एक बार भी पीछे नहीं रहे. चेरियन द्वारा मतों का आधा रास्ता पार करने के तुरंत बाद ही उनके आवास पर जश्न शुरू हो गया और मिठाई बंटनी शुरू हो गई. चेरियन ने कहा कि यह उनके चार दशक के सक्रिय राजनीतिक जीवन का इनाम है. उन्होंने कहा, "मेरी पार्टी मेरी ताकत का स्रोत रही है और यह बहुत ही शानदार जीत है. यह सत्तारूढ़ पिनारयी विजयन सरकार पर जनता की मुहर है." 

उन्होंने कहा कि इन नतीजों को वाममोर्चे के कार्यक्रमों, नीतियों और शान के खिलाफ हरी झंडी के तौर के देखा जाना चाहिए. उन्होंने कहा, "ऐसा लगता है कि हमारे राज्य में एक नई राजनीतिक संस्कृति शुरू हो गई है, जहां मतदाता सांप्रदायिक घटनाक्रमों से दूर रहे और वे विकास के इच्छुक हैं."

योगी और बिप्लब देव ने किया था प्रचार
केरल में अपने पांव जामने के लिए बीजेपी ने इस सीट को जीतने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब देब को चुनाव प्रचार के लिए भेजा था. यहां बीजेपी ने 'भारत धर्म जन सेना' से गठबंधन किया था. सेना को एझवा समुदाय का समर्थन प्राप्त है. अगर वोटबैंक की बात करें तो 2011 के चुनावों में बीजेपी को केवल 6000 वोट मिले थे, जो 2016 में बढ़कर 42,000 तक पहुंच गए. 

बढ़ रहा है वोटबैंक
2011 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को महज़ 6000 वोट मिले थे जो कि 2016 के विधानसभा चुनाव में बढ़कर 42000 पहुंच गया. अब चेंगन्नूर उपचुनाव में बीजेपी को 35,270 वोट मिले हैं. जबकि 2016 में हुए चुनाव में इस सीट पर बीजेपी उम्मीदवार को महज 2,305 वोट मिले थे. 140 सीटों वाली केरल विधानसभा में इस समय सीपीआई (एम) लीड एलडीएफ गठबंधन 92 सीटों के साथ सरकार में है. कांग्रेस लीड वाले यूडीएफ गठबंधन के पास 47 सीट हैं और बीजेपी वाले एनडीए के पास महज एक सीट है.

पिछले विधानसभा चुनावों में के. राजशेखरन के नेतृत्व में बीजेपी ने 98 सीटों पर चुनाव लड़ा था. उनके सहयोग संगठन भारत धर्म जन सेना ने 36 और केरला कांग्रेस ने 4 सीटों पर चुनाव लड़ा था. कुम्मानम राजशेखरन को मिजोरम का राज्यपाल बना दिया गया है. चुनावों से ठीक पहले लिए गए इस फैसले को भी चुनावी रणनीति का एक हिस्सा माना जा रहा था.

Trending news