16 अक्टूबर को मरने से पहले इज्जी ने अपना शोक-संदेश खुद लिखा और उसे अपने परिजनों को छपवाने के लिए दे दिया था.
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नई दिल्ली: चेन्नई के व्यक्ति द्वारा खुद का लिखा शोक-संदेश सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है. इसे साझा करते हुए कई लोगों ने तो यहां तक लिखा है कि वे इसे पढ़ने के बाद अपने आंसू नहीं रोक पाए. दरअसल, चेन्नई के इज्जी के. उमामहेश का लिखा ये शोक-संदेश है ही ऐसा कि कोई भी इसे पढ़कर भावुक हुए बिना नहीं रह सकता.
16 अक्टूबर को निधन से पहले इज्जी ने अपना शोक-संदेश खुद लिखा और उसे अपने परिजनों को छपवाने के लिए दे दिया था. 72 साल के इज्जी की मौत बेहद जोखिम वाली हार्ट सर्जरी के बाद हो गई.
ये लिखा है इज्जी ने अपने शोक-संदेश में
इज्जी एक कार रैली ड्राइवर रहे हैं और उन्होंने डिप्टी सेक्रेटरी के रूप में काम भी किया था. इसके साथ ही फॉर्मूला वन, इंडिया ग्रांड प्रिक्स इंटरनेशनल सर्किट में भी हिस्सा लिया था.
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इज्जी के निधन के बाद उनके परिवार ने एक स्थानीय समाचार पत्र में इसे 'Self-written Obituary Announcement from Ejji K Umamahesh' शीर्षक से प्रकाशित कराया है.
इस शोक संदेश में इज्जी ने लिखा है, 'दुनिया के पृथ्वी गांव पर बिना धर्म वाले नागरिक के तौर अपनी शर्तों के साथ रहे. जन्मजात साइबराइट, रीसाइकिल्ड टीनेजर, चूहा-दौड़ में शामिल रहने वाला (रिटायर्ड), फुल टाइम पति और होममेकर, पार्टी होस्ट, थिएटर और मूवी एक्टर, अंतरराष्ट्रीय कार रैली ड्राइवर और आयोजक, मानवतावादी, नास्तिक और मुक्त विचारक.'
इसमें उनके 'दोस्तों, दुश्मनों और उन लोगों' को धन्यवाद भी दिया गया, जो उनके जीवन में शामिल रहे. इसके लिए उन्होंने लिखा, 'मेरी पार्टी खत्म हो गई है और मुझे आशा है कि मेरे पीछे छूटने वालों के लिए कोई हैंगओवर नहीं है. समय सबके लिए खत्म हो रहा है. अच्छे से जियो, अपने जीवन का आनंद लो और पार्टी जारी रखो.'
दान कर गए अंग
इज्जी की बात केवल उनके इस विशेष शोक-संदेश पर ही खत्म नहीं होती है. दुनिया से जाते जाते वे अपने वो सभी अंग भी दान कर गए हैं, जिनका उपयोग प्रत्यारोपण में हो सकता है और शेष शरीर को रिसर्च के लिए दान कर गए हैं.
इज्जी ने फेसबुक के लिए भी एक शोक-संदेश लिखा और यह उनकी मृत्यु के बाद उनके परिवार द्वारा पोस्ट किया गया.
उन्होंने लिखा, 'मैं आपको दुख से साथ यह बता रहा हूं कि मेरे पुराने वाहन (शरीर) की मरम्मत की जा रही है, देश में सबसे अच्छे मैकेनिक्स होने के बाद भी क्या वे इसे पुनर्जीवित कर सकते थे, लेकिन दुर्भाग्य से वे सफल नहीं हुए. इंजन का गैसकिट उड़ गया है, इंजन हाउसिंग क्रैक हो गया, पिस्टन सीज हो गया है और पुरानी जलोपी अब कचरे में जाने के लिए तैयार है. सौभाग्य से कुछ हिस्से जो विनाश से बच गए हैं उन्हें ऐसे ही पुराने वाहन मालिकों को दान में दे दिया जाएगा जो उन्हें अपनी मशीन में डालकर उपयोग कर सकते हैं. इसे मैंने दुनिया भर में सबसे दुर्गम इलाकों में 72 साल तक चलाया है, सभी प्रकार के ईंधन को आजमाया है. जहां रेगिस्तान तापमान को बढ़ाते हैं, और जो पीतल की गेंदों को फ्रीज कर सकते हैं. वास्तव में इसने अच्छी तरह से सेवा की है और निश्चित रूप से इसे याद किया जाएगा. धन्यवाद (पुरानी मशीन को स्क्रैप करने के बारे में एक आधिकारिक घोषणा जल्द ही मीडिया में जारी की जाएगी.)'
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