नई दिल्ली: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और मंत्री टीएस सिंह देव ने कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल से मुलाकात की. केसी वेणुगोपाल को ये जिम्मेदारी कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने दी थी. वेणुगोपाल से मुलाकात के बाद भूपेश बघेल मीडिया से बातचीत करने से बचते नजर आए. कल भी राहुल गांधी से मिलने के बाद वो नाराज नजर आये थे. हालांकि टीएस सिंह देव ने भी कैमरे पर बातचीत से मना किया. लेकिन ऑफ कैमरा सिंह देव ने कहा कि राहुल जी ने छत्तीसगढ़ में पार्टी को मजबूत बनाने के लिए काम करने के लिए कहा है. 


राहुल ने दिया कठोर मैसेज?


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सियासी चर्चा है कि राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने भूपेश बघेल कुछ कठोर मैसेज दिया है. दरअसल छत्तीसगढ़ में ढाई-ढाई साल के फॉर्मूले की वजह से ये विवाद खड़ा हुआ है. जून 2021 में भूपेश बघेल की सरकार ने अपने ढाई साल पूरे किए. उसके बाद से ही टीएस सिंह देव का खेमा उन्हें मुख्यमंत्री बनाये जाने की मांग करता दिख रहा है. सिंह देव के खेमे के मुताबिक 2018 में छत्तीसगढ़ सरकार बनने के समय ही ढाई साल के फॉर्मूले पर सहमति बनी थी. यानि ढाई साल बघेल और ढाई साल सिंह देव मुख्यमंत्री रहेंगे.


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ढाई-ढाई साल के फॉर्मूले पर चर्चा?


टीएस सिंह देव के समर्थकों का दावा है कि ये सहमति आलाकमान के मौजदूगी में बनी था लेकिन अब बघेल अपने वायदे से मुकर रहे हैं. लेकिन मंगलवार को राहुल गांधी के साथ हुई बैठक के बाद पीएल पुनिया का बयान आया कि बैठक में CM को बदलने या फिर ढाई-ढाई साल के फॉर्मूले पर कोई चर्चा नहीं हुई. छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री को मंगलवार को ही वापस लौटना था, लेकिन उन्हें केसी वेणुगोपाल से मिलने के बाद जाने के लिए कहा गया. 


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