सोमवार को चिदंबरम के वकील कपिल सिब्बल की बहस पूरी हुई, बाकि दलील सुप्रीम कोर्ट ने सिब्बल को लिखित में कल कोर्ट में जमा करने को कहा है.
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नई दिल्ली: INX मीडिया केस (INX media case) में वित्तीय गड़बड़ी के मामले में फंसे पूर्व गृह और वित्त मंत्री पी चिदंबरम (P. Chidambaram) के मामले में सुप्रीमकोर्ट में सुनवाई कल तक जारी रहेगी. तब तक चिदंबरम पर ईडी की गिरफ्तारी पर लगी रोक जारी रहेगी. सोमवार को चिदंबरम के वकील कपिल सिब्बल की बहस पूरी हुई, बाकि दलील सुप्रीम कोर्ट ने सिब्बल को लिखित में कल कोर्ट में जमा करने को कहा है. कल मंगलवार 12 बजे ईडी के वकील चिदंबरम की जिरह का जवाब देगें. इससे पहले सुनवाई में CBI की गिरफ्तारी मामले के अलावा ED मामले में गिरफतारी से बचने के लिए आरोपी पी चिदंबरम की अग्रिम ज़मानत अर्ज़ी पर सुनवाई हुई.
सिब्बल ने जाँच की केस डायरी को लेकर दलीले रखनी शुरू की. कहा- केस डायरी अपने आप में कोई पुख्ता सबूत नहीं है. सिब्बल सुप्रीम कोर्ट के पुराने फैसलों के हवाला दे रहे है जिसके मुताबिक केस डायरी सबूत के तौर पर मान्य नहीं है और केस डायरी को रोल महज ये देखने के लिए है कि जांच सही तरीक़े से हुई या नहीं. कहा- निष्पक्ष जांच और निष्पक्ष ट्रायल आर्टिकल 21 का हिस्सा है.
कानूनी प्रकिया की अवहेलना करके आप किसी की लिबर्टी को नहीं छीन सकते. सिब्बल ने कहा कि यह सिर्फ मीडिया ट्रायल हो रहा है कभी कहते है हज़ारों की सम्पत्ति है कभी कहते है विदेश में बैंक अकाउंट है. एक भी बैंक अकाउंट के बारे बात दें में याचिका वापस ले लूंगा. सिब्बल ने कहा 19 दिसंबर, एक जनवरी और 21 जनवरी को पूछताछ हुई, उसके बाद कोई समन जारी नही हुआ.
सीबीआई ने सिर्फ एक बार 2018 में पूछताछ की थी. सिब्बल ने कहा कि अगर ED के पास कोई दस्तावेज़ या सबूत है तो पूछताछ के लिए बुलाते लेकिन ऐसा नही हुआ. सिब्बल ने कहा कि सीबीआई की जांच के दौरान चिदंबरम के ट्विटर अकाउंट के बारे में सवाल किया, यह किस तरह की जांच चल रही है.
सिब्बल ने कहा कि जिस तरह जांच की जा उसकी कड़ी निंन्दा करता हूँ, हमको दस्तावेज़ नही दिया जा रहा है. सिब्बल ने कहा कि जब उनके पास शेल कंपनी के बारे जानकारी है तो उसके बारे में सवाल जावब क्यों नही हो रहा है. सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि सीबीआई ने पिछले पांच दिनों में चिदंबरम पर उनके खिलाफ लगाए गए आरोप के बारे में कुछ भी नहीं पूछा है, उनसे सिर्फ विदेशी बैंक खाते के बारे में पूछा गया था, जिससे उन्होंने इनकार कर दिया था.
और उनसे यह भी पूछा गया था कि क्या उनके पास ट्विटर अकाउंट है, जो कि जांच की गंभीरता दर्शाता है. प्रथम दृष्टया कोई मनी ट्रेल नहीं हुआ है. केवल कुछ नोट्स और दस्तावेजों के आधार पर, मेरी जमानत याचिका हाईकोर्ट ने खारिज कर दी. सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि, FIPB की मंजूरी 6 अधिकारियों ने दी उस समय पी चिदंबरम मंत्री थे और उन्होंने सिर्फ साइन किया था. जस्टिस भानुमति ने CBI से पूछा कि CBI के FIR के अलावा आपके पास चिदंबरम के खिलाफ और क्या क्या सबूत हैं!