सत्ता बदलते ही मालदीव ने चीन से तोड़ लिया नाता, भारत 'दोस्ती' की खातिर हर मदद को तैयार
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सत्ता बदलते ही मालदीव ने चीन से तोड़ लिया नाता, भारत 'दोस्ती' की खातिर हर मदद को तैयार

यामीन के सत्ता से बेदखल होने के बाद मालदीव के दौरे पर गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत मालदीव की वित्तीय समस्याओं को दूर करने के लिए मदद को तैयार है.

कर्ज को लेकर मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद का चीन के राजदूत से टकराव हो गया है.(फाइल फोटो)

नई दिल्ली/माले: कर्ज को लेकर मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद का चीन के राजदूत से टकराव हो गया है. माले पर चीन का कर्ज बढ़कर चिंताजनक स्तर 3.4 अरब डॉलर हो गया है. वहीं, चीन समर्थक मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति अब्दुला यामीन के सत्ता से हटने के बाद हिंद महासागर स्थित रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण इस देश में भारत की पकड़ मजबूत हुई है. भारत के करीबी माने जाने वाले मालदीव की संसद के स्पीकर नशीद ने कहा है कि मालदीव पर चीन का 3.4 अरब डॉलर का कर्ज है जोकि यामीन के शासन के दौरान की परियोजनाओं के लिए लिया गया था.

पिछले सप्ताह एक विचार मंच को संबोधित करते हुए नशीद ने कहा कि चीनी परियोजनाओं की लागत काफी ज्यादा है और उसके लिए 2020 से आगे माले के बजट का 15 फीसदी चीनी कंपनियों का कर्ज उतारने में खर्च होगा. इस बात की चर्चा अफ्रीकी देशों में भी हो रही है जहां इन्फ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में चीन की काफी मौजूदगी है.

नशीद के उस बयान का जिक्र किया गया है जिसमें उन्होंने कहा, "वे आए. उन्होंने काम किया और हमें बिल भेज दिया. इसलिए यह कर्ज की ब्याज दर नहीं है बल्कि यह लागत है. उन्होंने हमें ज्यादा बिल दिया और हमसे वह वसूला जा रहा है और अब हमें ब्याज दर और मूलधन अदा करना होगा." मालदीव की मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने कहा कि मौजूदा इब्राहिम सोलिह की सरकार लागत और ब्याज दर का भुगतान करने पर विचार कर रही है.

नशीद ने कहा कि भारत के जीएमआर ग्रुप ने सिनामाले सेतु परियोजना (चीन-माले दोस्ताना सेतु) के लिए 7.7 करोड़ डॉलर देने का प्रस्ताव दिया था, जबकि चाइना कम्यूनिकेशन एंड कंट्रैक्टिंग कंपनी (सीसीसीसी) ने ज्यादा मूल्य पेश किया. उन्होंने कहा कि यामीन सरकार ने कंट्रैक्ट चीनी कंपनी को दिया जिसके कारण मालदीव पर सीसीसीसी का 30 करोड़ डॉलर का कर्ज है.

नशीद के बयान पर शनिवार को चीनी राजदूत झांग लिझोंग ने सिलसिलेवार ट्विटर पोस्ट में कहा कि सेतु परियोजना की लागत 20 करोड़ डॉलर थी जिसका 57.5 फीसदी धन चीनी अनुदान द्वारा मुहैया करवाया गया. यामीन के सत्ता से बेदखल होने के बाद मालदीव के दौरे पर गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत मालदीव की वित्तीय समस्याओं को दूर करने के लिए मदद को तैयार है.

दोबार सत्ता में आने बाद मोदी जून में अपने पहले विदेशी दौरे पर मालदीव पहुंचे थे जहां उन्होंने दोनों देशों के बीच करीबी सहयोग का संकेत दिया था. इस दौरे के दौरान दोनों देशों ने केरल के कोच्चि व कुलहुधुफूशी और माले के बीच नियमित यात्री व मालवाहक जहाज सेवा शुरू करने पर सहमति जताई.

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