India Pakistan Conflict: आप सबने न्यूटन की गति के तीसरे नियम को जरूर पढ़ा होगा या उसके बारे में सुना होगा. इस नियम के मुताबिक प्रत्येक क्रिया के लिए एक समान और विपरीत प्रतिक्रिया होती है. ऑपरेशन सिंदूर से लेकर पाकिस्तान की नापाक हरकतों की पिटाई तक ये नियम बखूबी लागू हुआ कैसे? आइए बताते हैं.
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China Turkey news: भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध जैसे संघर्ष के बाद न्यूटन की गति के तीसरे नियम का असर चीन, तुर्किये और भारत की डिफेंस से जुड़ी कंपनियों के शेयरों पर देखने को मिल रहा है. एक तरफ चीन, तुर्किये के डिफेंस शेयरों में गिरावट देखने को मिल रही है है तो भारतीय डिफेंस शेयरों में शानदार तेजी देखी जा रही है.
चीन और तुर्किये के हथियार बुरी तरह पिट गए
यानी आप कह सकते हैं कि बैटलफील्ड से बाजार तक चीन और तुर्किये के हथियार बुरी तरह पिट गए हैं. आज आपको इसलिए भी खुश होना चाहिए क्योंकि पाकिस्तान ने चीन और तुर्किये के जिन-जिन हथियारों से भारत पर हमला किया. वो आसमान में भी पिटे और बाजार में भी एक्सपोज हो गए हैं.
भारत-पाकिस्तान संघर्ष के दौरान पाकिस्तान ने सबसे ज्यादा चीन और तुर्किये के ड्रोन, फाइटर जेट्स और मिसाइल का इस्तेमाल किया. लेकिन इस संघर्ष में चीन और तुर्किये के ड्रोन और फाइटर जेट्स भारतीय डिफेंस सिस्टम के सामने बौने बन गए. चीन और तुर्किये के डिफेंस प्रोक्डट्स की उपयोगिता और गुणवत्ता पर अब सवाल खड़े हो रहे हैं. BUSINESS WORLD में एक मशहूर कहावत है कि 'बाजार को सबकुछ पता होता है और भाव ही भगवान है.'
#DNAWithRahulSinha | भारत पर हमला करने वाले हथियार लुढ़क गए, चीन-तुर्किये के हथियार पर बाजार भी हंसा !
चीन-तुर्किये के हथियारों का बाजार 'डाउन' !#DNA #IndiaPakistanNews #China #Turkey #OperationSindoor @RahulSinhaTV pic.twitter.com/OsqeJ9CuwB
— Zee News (@ZeeNews) May 13, 2025
शेयर मार्केट में एक्सपोज हो गए तुर्किये औक चीन
अब देखिए, चीन के HS China A Aerospace & Defence इंडेक्स में आज 2 फीसदी से ज्यादा की गिरावट देखने को मिली. इस इंडेक्स में चीन के डिफेंस से जुड़ी कंपनियां शामिल हैं. इन शेयरों में आज 2 से 7 फीसदी तक की गिरावट आई. चीन में एविक चेंगदू (AVIC Chengdu) नाम की एक कंपनी है जो F-17 थंडर और J-10C बनाती है. आपने भारत-पाकिस्तान संघर्ष के दौरान J-10C फाइटर जेट्स का कई बार नाम सुना होगा. भारत-पाकिस्तान के बीच कंडिशनल सीजफायर के बाद आज इस शेयर में 7 फीसदी की गिरावट आई.
पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार ने पाकिस्तानी संसद में बताया था कि भारत के खिलाफ J-10C फाइटर जेट का इस्तेमाल किया जा रहा है. इसी तरह झुझोउ होंगडा इलेक्ट्रॉनिक्स कार्पोरेशन लिमिटेड के शेयर में भी आज 6 फीसदी से ज्यादा गिरावट आई. झुझोउ होंगडा चीन की सरकारी कंपनी है जो PL-15 मिसाइल बनाती है.
भारतीय डिफेंस शेयरों में 10 फीसदी की तेजी
चीन की सरकारी और निजी डिफेंस कंपनियों के शेयर में सीजफायर के बाद गिरावट आई है लेकिन भारतीय डिफेंस शेयरों में 2 से लेकर 10 फीसदी तक की तेजी आई है. मिसाइल बनाने वाली सरकारी कंपनी भारत डायनामिक्स में आज 10 फीसदी से ज्यादा तेजी आई. इसी तरह से एयरोस्पेस के लिए काम करने वाली कंपनी BEL के शेयर में 4 फीसदी से ज्यादा का उछाल आया. शिप बिल्डिंग करने वाली कंपनियों के शेयरों में भी आज 4 से 6 फीसदी तक की तेजी आई है.
भारतीय डिफेंस शेयरों में रफ्तार तो है लेकिन तुर्किये की बड़ी डिफेंस कंपनी असल्सन ए.एस. जो टैंक से लेकर ड्रोन तक हर तरह के डिफेंस प्रोडक्ट बनाती है कि उसके शेयर में बीते तीन दिनों में 12 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आ गई हैं. इस कंपनी के शेयर में गिरावट की शुरुआत शुक्रवार से हुई. आपको याद होगा कैसे तुर्किये ड्रोन्स को भारतीय डिफेंस सिस्टम ने पूरी तरह से तबाह कर दिया था.
चीन-तुर्किये के डिफेंस शेयरों में गिरावट से क्या 5 अहम संकेत
अब आपको ये भी जानना चाहिए कि भारतीय डिफेंस शेयरों में तेजी और चीन-तुर्किये के डिफेंस शेयरों में गिरावट से क्या 5 अहम संकेत मिलते हैं
पहला, पूरी दुनिया में चीन-तुर्किये के डिफेंस सिस्टम पर भरोसा घटा है.
दूसरा, आने वाले दिनों में चीन-तुर्किये के डिफेंस प्रोडक्ट्स की मांग घट सकती है.
तीसरा, भारत में बनने वाले डिफेंस प्रोडक्ट्स की मांग और विश्वसनीयता बढ़ेगी.
चौथा, MADE IN INDIA डिफेंस पर और ज्यादा खर्च किया जाएगा और प्रधानमंत्री ने इससे जुड़ा ऐलान भी कर दिया है.
पांचवां, भारत-रूस के बीच रक्षा संबंध और मजबूत होंगे.
भारत- पाकिस्तान के डिफेंस सप्लायर्स को जानिए
भारत किस देश से क्या मंगाता है और पाकिस्तान, किन देशों से कितना डिफेंस प्रोडक्ट्स खरीदता है. हथियारों की खरीद को लेकर स्वीडन की एक अंतरराष्ट्रीय संस्था स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट ने रिसर्च रिपोर्ट जारी की है. इस रिपोर्ट के मुताबिक भारत रूस से 36 फीसदी रक्षा सामान, फ्रांस से 33 फीसदी, इजरायल से 18 फीसदी और बाकी दुनिया से 13% सुरक्षा से जुड़े सामान खरीदता है. जैसे S-400 एयर डिफेंस सिस्टम भारत ने रूस से खरीदा है तो फ्रांस से रफाल लिया.
पाकिस्तान 81 फीसदी डिफेंस सामान चीन से, करीब 4 प्रतिशत तुर्किये से, 3.5 फीसदी नीदरलैंड से और 9 फीसदी से ज्यादा रक्षा सामान बाकी दुनिया से मंगाता है.
कहते हैं हर आपदा में अवसर होता है, चीन और तुर्किये ने भारत-पाकिस्तान के संघर्ष के दौरान अवसर तलाशने की कोशिश की. लेकिन चीन और तुर्किये का डिफेंस सिस्टम एक्सपोज हो गया और भारतीय डिफेंस सिस्टम पर दुनिया का भरोसा बढ़ गया. तो क्या माना जाए, चीन-टर्की के 'हथियारों' का बसा-बसाया बाजार अब उजड़ने वाला है?