ये बस संयोग नहीं है कि चीन ने गलवान वैली में उस वक्त सेना के हमले का सहारा लिया, जब चीन के वुहान से निकला वायरस पूरी दुनिया को उजाड़ चुका है.
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नई दिल्ली: ‘डिकोडिंग चाइना’ (Decoding China) विषय पर ज़ी न्यूज़ के अंतरराष्ट्रीय चैनल WION के ग्लोबल समिट में आज दुनियाभर के तमाम बड़े नेताओं के साथ चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Xi Jinping) का विश्लेषण किया गया. ये बस संयोग नहीं है कि चीन (China) ने गलवान वैली में उस वक्त सेना के हमले का सहारा लिया, जब चीन के वुहान (Wuhan) से निकला वायरस (coronavirus) पूरी दुनिया को उजाड़ चुका है.
समिट के दौरान Rand Corporation के वरिष्ठ रक्षा विश्लेषक डेरेक ग्रॉसमेन ने कहा, ‘ये आम तौर पर माना जा रहा है कि गलवान वैली की घटना का समय चीन के उन प्रयासों से जुड़ा है, जिसके जरिए वो कोरोना महामारी को भी अपने भू-राजनीतिक फायदे के लिए इस्तेमाल कर रहा है, लेकिन समस्या ये है कि इसका कोई सुबूत नहीं है’.
हालांकि चीन इस तरह के सभी आरोपों को खारिज कर चुका है. चीन का कहना है कि वह ‘शांति बरकरार रखना’ चाहता है और इस मुश्किल वक्त में दुनियाभर के देशों की मदद करना चाहता है.
चीन में भारत के पूर्व राजदूत गौतम बम्बावाले ने कहा, ‘दुनियाभर में कोरोना की प्रतिक्रिया में चीन कूटनीतिक रूप से सभी दिशाओं में घूम रहा है, इसे वो ‘वोल्फ वॉरियर डिप्लोमेसी’ कहते हैं. मुझे नहीं लगता इससे उनका कोई भला होने वाला है’.
वहीं पुर्तगाल के पूर्व यूरोप मंत्री ब्रूनो मैकेस के मुताबिक, चीन कुछ हद तक भारत को भयभीत करने में रुचि दिखा रहा है. वो भारत को एक अड़चन और एक समस्या के तौर पर देखता है.
WION की ग्लोबल समिट में सभी विशेषज्ञों ने ये महसूस किया कि भारत को भयभीत करना और अपनी अनुचित ताकत को इस्तेमाल करना चीन का इन दिनों प्राथमिक उद्देश्य बन गया है.
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