लद्दाख: भारतीय सीमा में दिखाई दिए चीनी सैनिक, बैनर और झंडा लहराया!
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लद्दाख: भारतीय सीमा में दिखाई दिए चीनी सैनिक, बैनर और झंडा लहराया!

सेना के सूत्रों का दावा है कि उन्होंने LAC को पार नहीं किया, हालांकि कई स्थानीय सूत्रों ने LAC में घुसपैठ का दावा किया है.

चीन लद्दाख को तिब्बत का हिस्सा मानता है और यहां घुसपैठ की कोशिश करता रहता है.

नई दिल्ली: भारत-चीन सीमा पर एक बार फिर से तनाव की स्थिति बनती दिख रही है. एलएसी पर चीन के सैनिक दिखाई दिए हैं. इनकी संख्या 11 बताई जा रही है. इस बार चीन ने लद्दाखियों पर मानसिक दबाव बनाने की रणनीति अपनाई है. हाल ही में दलाई लामा के जन्मदिन समारोह के दौरान चीन ने लद्दाखियों को बरगलाने की कोशिश की. ये क़रीब 40 मिनट तक उस जगह पर रहे और उसके बाद वो वापस चले गए. सेना के सूत्रों का दावा है कि उन्होंने LAC को पार नहीं किया, हालांकि कई स्थानीय सूत्रों ने LAC में घुसपैठ का दावा किया है.

6 जुलाई को लद्दाख के फुक्चे के पास गांव वाले दलाई लामा का जन्मदिन मना रहे थे. डाल्ले टेंगो (DALLEY TANGO) नाम का ये समारोह लद्दाख के बौद्ध धर्म के अनुयायी बहुत धूमधाम से मनाते हैं. ये आयोजन ऐसी जगह पर हो रहा था जहां से भारत-चीन सीमा यानि LAC गुज़रती है. चीन की तरफ़ दो गाड़ियों में सादे कपड़ों में 11 लोग आए और उन्होंने गाड़ियों से उतरकर बड़ा बैनर लगा दिया. इस बैनर पर लिखा था, STOP ACTIVITIES TO SPLIT TIBET. सूत्रों के मुताबिक ये चीनी सेना PLA के लोग थे जो सादे कपड़ों में आए थे.

लद्दाख में दलाई लामा के समर्थक ज्यादा
चीन लद्दाख को तिब्बत का हिस्सा मानता है और यहां घुसपैठ की कोशिश करता रहता है. लेकिन पहली बार उसने आम लद्दाखियों को बरगलाने की हरक़त की है. दरअसल चीन दलाई लामा को तिब्बतियों का धार्मिक और राजनैतिक नेता नहीं मानता. चीन ने अपनी तरफ़ से एक दलाई लामा को तिब्बत पर थोप रखा है. लद्दाख में दलाई लामा के अनुयायियों की बड़ी तादाद है जिनमें तिब्बत से आए हुए शरणार्थी और लद्दाखी दोनों शामिल हैं. चीन लद्दाखियों को अपने दलाई लामा को स्वीकार करने के लिए मनोवैज्ञानिक अभियान चला रहा है.

पूर्वी लद्दाख में कई बार हो चुकी है तनातनी
पूर्वी लद्दाख में चीनी और भारतीय सुरक्षा बलों के बीच में कई बार तनातनी हो चुकी है. 2014 में दोनों देशों के सैनिक आमने-सामने आ गए थे, जिन्हें कई हफ्तों के बाद वापस भेजा जा सका. सूत्रों का कहना है कि इस साल जून के महीने में भारतीय औऱ चीनी सैनिकों के बीच तनातनी हुई है. चीनी सैनिकों ने LAC पर एक निगरानी कैमरा लगाया था, जिसका भारतीय सैनिकों ने विरोध किया है. दोनों देश 2017 में सिक्किम सीमा के पास डोकलाम में आमने-सामने आ गए थे और तनाव बहुत बढ़ गया था. लेकिन बाद में दोनों देशों के बीच समझौता हो गया था.

दोनों देशों के बीच स्पष्ट विभाजन रेखा नहीं है
सूत्रों के अनुसार, ये घटना 6 जुलाई की बताई जा रही है. चीन के सैनिक 2 वाहनों में सवार होकर आए. चीन के सैनिकों ने बैनर पर लिख रखा था, तिब्बत में विभाजन बंद करो. दरअसल लद्दाख समेत हिमालयन क्षेत्र में बड़ी संख्या में दलाई लामा के समर्थक हैं. चीन दलाई लामा को अपना दुश्मन मानता है. उसका ये दुस्साहस इसी की प्रतिक्रिया माना जा रहा है. भारत और चीन के बीच लंबी सीमा रेखा है. ये सीमा रेखा स्पष्ट रूप से विभाजित नहीं है. ऐसे में कई बार दोनों देशों के बीच विवाद की स्थिति बनती रहती है.

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