इंटेलिजेंस इनपुट्स में बताया गया है कि एक विशेष वाटर स्क्वॉर्डन, जिसे झोंग डुई भी कहते हैं, ने पांगोंग त्सो झील पर ठिकाना बना लिया है.
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नई दिल्ली : चीन भारत की सरजमीं पर फिर घुसपैठ कर रहा है. इस बार चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने फिर से घुसपैठ की नई साजिश के तहत लद्दाख की पांगोंग त्सो झील में तेजी से गश्त करने वाली नौकाएं तैनात की हैं. इसके जरिये उसका मकसद बॉर्डर पर गतिविधियों की निगरानी करना है. ताजा इंटेलिजेंस इनपुट्स में इसका खुलासा हुआ है.
इंटेलिजेंस इनपुट्स में बताया गया है कि एक विशेष वाटर स्क्वॉर्डन, जिसे झोंग डुई भी कहते हैं, ने पांगोंग त्सो झील पर ठिकाना बना लिया है. चीनी सेना का यह स्पेशल स्क्वाड्रन उसके 'माउंटेन टॉप नेशनल गेट फ्लीट' का हिस्सा है, जो उच्च तकनीक नेविगेशन और संचार उपकरण ले जाने में सक्षम है. पीएलए की तेज गति वाली नौकाओं में एक समय में 5-7 सैनिक सवार हो सकते हैं.
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एक इंटेलिजेंस अधिकारी ने कहा, "विशेष जल स्क्वाड्रन की मदद से चीनी सेना बहुत तेज़ी से आगे बढ़ने में सक्षम हो जाएगी और यदि भविष्य में कोई तनाव की स्थिति उत्पन्न होती है तो इससे उन्हें तुरंत जवाब देने में मदद मिलेगी. हम पांगोंग त्सो झील में गश्ती और उससे होने वाले प्रभावों का विश्लेषण कर रहे हैं".
हालांकि डोकलाम की घटना के बाद भारत-चीन सीमा पर हालात शांतिपूर्ण हैं और दोनों सेनाओं के बीच नियमित सीमा कार्मिक बैठक में वृद्धि हुई है. वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारतीय और चीनी सेनाएं दोनों पक्षों के सैनिकों के बीच विश्वास बढ़ाने के लिए पूर्वी लद्दाख में 16,000 फीट से अधिक की ऊंचाई के इलाके पर योग भी कर रहे हैं.
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2017 में पांगोंग त्सो झील के आसपास के क्षेत्र में उस वक्त तनाव की स्थित उत्पन्न हो गई थी, जब यहां चीनी सैनिक घुस आए थे, जिसके बाद पत्थरबाजी तक हो गई थी, जिसमें दोनों पक्षों के लोग घायल हुए थे.