CIC का आदेश, 50 करोड़ रुपए से ज्यादा का कर्ज जानबूझकर न लौटाने वालों के नाम हों सार्वजनिक
Advertisement

CIC का आदेश, 50 करोड़ रुपए से ज्यादा का कर्ज जानबूझकर न लौटाने वालों के नाम हों सार्वजनिक

सूचना आयुक्त श्रीधर आचार्यलु ने कहा कि छोटा-मोटा कर्ज लेने वाले किसानों और अन्य को बदनाम किया जाता है जबकि 50 करोड़ रुपए से अधिक कर्ज लेकर उसे सही समय पर नहीं लौटाने वालों को काफी अवसर दिए जाते हैं.

फाइल फोटो

नई दिल्ली : केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) ने 50 करोड़ रुपए से अधिक के बैंक कर्ज लौटाने में जानबूझकर चूक करने वालों के खिलाफ की गई कार्रवाई का ब्यौरा सार्वजनिक करने को कहा है. सीआईसी ने कहा है कि वित्त मंत्रालय, सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय और रिजर्व बैंक को यह जानकारी सार्वजनिक करनी चाहिए. 

किसानों को किया जाता है बदनाम- सूचना आयुक्त

सूचना आयुक्त श्रीधर आचार्यलु ने कहा कि छोटा-मोटा कर्ज लेने वाले किसानों और अन्य को बदनाम किया जाता है जबकि 50 करोड़ रुपए से अधिक कर्ज लेकर उसे सही समय पर नहीं लौटाने वालों को काफी अवसर दिए जाते हैं. उन्होंने कहा कि 50 करोड़ रुपए से अधिक कर्ज लेकर नहीं लौटाने वालों को एक बारगी निपटान, ब्याज छूट तथा अन्य प्रकार के विशेषाधिकार के नाम पर कई तरह की राहत दी जाती है. साथ ही उनकी साख को बनाए रखने के लिए उनके नाम छिपाए जाते हैं.

शर्मिंदगी के कारण इतने किसानों ने की आत्महत्या
आयोग ने कड़े आदेश में कहा है कि 1998 से 2018 के बीच 30,000 से अधिक किसानों ने आत्महत्या की क्योंकि वे कर्ज नहीं लौटा पाने के कारण शर्मिन्दगी झेल नहीं सके. आचार्युलु ने कहा, ‘‘उन्होंने अपने खेतों पर जीवन बिताया और वहीं अपनी जान दे दी. लेकिन उन्होंने अपनी मातृभूमि नहीं छोड़ी. वहीं दूसरी तरफ 7,000 धनवान, पढ़े-लिखे, शिक्षित उद्योगपति देश को हजारों करोड़ रुपये का चूना लगाकर बच निकले.’’ 

आरटीआई की धारा का दिया हवाला
उन्होंने अपने आदेश में कहा कि आरटीआई कानून की धारा 4 (1) (सी) के तहत सभी सरकारी विभागों के लिए यह अनिवार्य है कि वह लोगों को प्रभावित करने वाली महत्वपूर्ण नीतियां बनाते समय या निर्णय की घोषणा करते समय सभी संबंधित तथ्यों को प्रकाशित करे. वहीं 4(1)(डी) कहता है कि वे प्रशासनिक या अर्द्ध न्यायिक निर्णय के पीछे के कारणों के बारे में प्रभावति व्यक्तियों को बताए.

मुख्य सूचना आयुक्त ने मंत्रालयों और आरबीआई को 50 करोड़ रुपए या उससे अधिक कर्ज लेकर उसे जानबूझकर सही समय पर नहीं लौटाने वाले लोगों के खिलाफ की गई कार्रवाई, उनके प्रयास सफल नहीं होने के कारण, शुरू की गई आपराधिक कार्रवाई या ऐसा नहीं करने के पीछे कारणों के बारे में बताने को कहा हैं. उन्होंने कहा कि अगर वे सूचना का कोई हिस्सा नहीं देना चाहते हैं, वे 20 सितंबर 2018 से पहले यह बता सकते हैं कि आखिर वे किस कारण से जान- बूझकर कर्ज नहीं लौटाने के नाम समेत अन्य सूचना नहीं दे सकते.’’

Trending news