CJI BR Gavai: भारत के मुख्य न्यायाधीश बी.आर. गवई पर आज सुबह सुप्रीम कोर्ट में एक बुजुर्ग व्यक्ति ने जूता फेंका लेकिन यह बेंच तक नहीं पहुंच सका. व्यक्ति को तुरंत हिरासत में ले लिया गया. घटना के दौरान मुख्य न्यायाधीश गवई ने शांति बनाए रखी और कहा कि मैं ऐसी घटनाओं से प्रभावित होने वाला आखिरी व्यक्ति हूं.
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CJI BR Gavai: आज सुबह सुप्रीम कोर्ट में भारत के मुख्य न्यायाधीश बी.आर. गवई पर एक बुज़ुर्ग व्यक्ति ने जूता फेंका. जूता बेंच तक नहीं पहुंचा और उस व्यक्ति को तुरंत हिरासत में ले लिया गया. अदालत कक्ष में हुई इस चौंकाने वाली घटना से बेपरवाह, मुख्य न्यायाधीश गवई ने कहा कि मैं ऐसी घटनाओं से प्रभावित होने वाला आखिरी व्यक्ति हूं और सुनवाई जारी रखी.
इस बीच, शीर्ष सूत्रों ने बताया कि भारत के मुख्य न्यायाधीश द्वारा अधिकारियों को इस कार्य को अनदेखा करने के लिए कहा गया है. बता दें, यह घटना उस समय हुई जब मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ वकीलों द्वारा मामलों की सुनवाई कर रही थी. कुछ प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि मंच के पास पहुंचकर वकील ने अपना जूता निकालकर मुख्य न्यायाधीश पर फेंकने की कोशिश की जबकि कुछ ने कहा कि ऐसा लग रहा था कि वह कागज का एक रोल फेंक रहा था.
हालांकि गवई ने बेपरवाह होकर वकीलों से कहा कि वे हंगामे को नजरअंदाज करें और अपनी दलीलें जारी रखें. उन्होंने कहा कि इस सब से विचलित न हों. हम विचलित नहीं हैं. इन बातों का मुझ पर कोई असर नहीं पड़ता. सूत्रों ने पहले बताया था कि मुख्य न्यायाधीश के बेंच से उठने के बाद ही अदालत आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई पर फैसला करेगी.
वकील की सदस्यता रद्द करेगा बार एसोसिएशन
इस बीच, सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष विकास सिंह ने कहा कि संस्था वकील की सदस्यता रद्द करने की कार्रवाई शुरू करेगी. उन्होंने कहा कि वकील 2011 से बार के अस्थायी सदस्य हैं. हम उनकी सदस्यता रद्द करने की कार्रवाई शुरू करेंगे. मैंने मुख्य न्यायाधीश से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन वह अभी भी बेंच में थे. यह एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना है क्योंकि सोशल मीडिया पर मुख्य न्यायाधीश की टिप्पणियों की गलत व्याख्या की गई. कानून अपना काम करेगा. इस बीच, जब आरोपी वकील को अदालत कक्ष से बाहर ले जाया जा रहा था तो उसने कि सनातन का अपमान बर्दाश्त नहीं करेंगे.
सीजेआई गवई की इस टिप्पणी के कारण हुआ था बवाल
बता दें, यह घटना संभवत सीजेआई गवई की टिप्पणियों से जुड़ी हुई है, जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश में यूनेस्को की विश्व धरोहर खजुराहो मंदिर परिसर के एक हिस्से, जावरी मंदिर में भगवान विष्णु की सात फुट की मूर्ति के पुनर्निर्माण और पुन स्थापित करने के निर्देश देने की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया था. अदालत ने इस याचिका को प्रचार हित याचिका करार देते हुए खारिज कर दिया था.
मुख्य न्यायाधीश गवई ने कहा था कि यह विशुद्ध रूप से प्रचार हित याचिका है. जाकर स्वयं भगवान से कुछ करने के लिए कहिए. अगर आप कह रहे हैं कि आप भगवान विष्णु के प्रबल भक्त हैं तो आप प्रार्थना और ध्यान भी करिए. अपनी टिप्पणी पर विवाद उत्पन्न होने के बाद मुख्य न्यायाधीश गवई ने स्पष्ट किया था कि वह सभी धर्मों का सम्मान करते हैं और कहा था कि उनकी टिप्पणी को सोशल मीडिया पर गलत तरीके से प्रस्तुत किया गया.