स्वच्छ भारत रैंकिंग: मैसूर टॉप पर, दमोह देश का सबसे गंदा शहर
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स्वच्छ भारत रैंकिंग: मैसूर टॉप पर, दमोह देश का सबसे गंदा शहर

देश में 476 शहरों के स्वच्छ भारत रैंकिंग में मैसूर शीर्ष पायदान पर है जबकि इस सूची के शीर्ष दस पायदानों में कर्नाटक के तीन अन्य शहरों का नाम शुमार है। वहीं,

स्वच्छ भारत रैंकिंग: मैसूर टॉप पर, दमोह देश का सबसे गंदा शहर

नई दिल्ली : देश में 476 शहरों के स्वच्छ भारत रैंकिंग में मैसूर शीर्ष पायदान पर है जबकि इस सूची के शीर्ष दस पायदानों में कर्नाटक के तीन अन्य शहरों का नाम शुमार है। वहीं,

शहरी स्थानीय निकायों में राष्ट्रीय राजधानी के दिल्ली कैंटोनमेंट सूची में 15 वें स्थान पर और नई दिल्ली नगर निगम (एनडीएमसी) 16 वें स्थान पर जबकि दिल्ली नगर निगम इस सूची में 398 वें स्थान पर है। पश्चिम बंगाल ने बेहतरीन प्रदर्शन किया और उसके 25 शहर शीर्ष 100 में स्थान बनाने में कामयाब रहे हैं। सरकारी विज्ञप्ति के मुताबिक, यह रैंकिंग खुले में शौच और कचरों के प्रबंधन के तरीकों पर आधारित होते हैं। इस सूची में पश्चिम बंगाल ने अच्छा स्थान पाया है जिसके 25 शहर शीर्ष 100 शहरों में शामिल हैं। कम से कम खुले में शौच और कचरों के प्रबंधन के तरीकों के कारण मैसूर शहर शीर्ष पायदान पर रहा।

सर्वेक्षण में दिल्ली सहित कुल 28 राजधानियों को शामिल किया गया था। नई दिल्ली (कुल रैंकिंग 16) इस सूची में चौथे पायदान पर है। इस सूची में सबसे अंतिम 28वें स्थान पर बिहार की राजधानी पटना है। लखनऊ 20वें, रांची 21वें और देहरादून 26वें स्थान पर है।

शीर्ष 100 में अपना स्थान बनाने वाले में 39 शहर दक्षिणी राज्यों, 27 शहर पूर्व से, 15 शहर पश्चिम से, 12 शहर उत्तर से और सात शहर उत्तर-पूर्वी राज्यों के हैं। 27 राजधानी शहरों में से 15 शहर शीर्ष 100 में शामिल हैं जबकि पांच शहर 300 के बाद अपना स्थान बना सके हैं। राजधानियों की सूची में बेंगलूरू सातवें स्थान पर जबकि सबसे नीचे पटना 429 वें स्थान पर रहा। 100 नीचे के शहरों में 74 शहर उत्तर से, 21 पूर्व से तीन पश्चिम से और दो दक्षिण के शहर हैं।

शीर्ष दस शहरों में मैसूर, तिरुचिरापल्ली (तमिलनाडु), नवी मुंबई, कोच्चि (केरल), हसन, मांडया और बेंगलूरु (कर्नाटक), तिरूअनंतपुरम, हलीसहर (पश्चिम बंगाल) और गंगटोक (सिक्किम) है।

केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय ने ‘स्वच्छ भारत अभियान’ को बेहतर ढंग से लागू करने वाले 476 शहरों की सूची जारी की है। इसमें कर्नाटक का मैसूर पहले और तमिलनाडु का तिरुचिरापल्ली दूसरे स्थान पर है। वहीं, दिल्ली शीर्ष 10 में भी जगह नहीं बना पाई, जबकि पटना 429वें और वाराणसी 418वें स्थान पर है।

मंत्रालय ने ‘2008 राष्ट्रीय स्वच्छता नीति’ के तहत 2014-15 में यह सर्वेक्षण कराया था। मंत्रालय के एक बयान के मुताबिक, एक लाख की आबादी वाले 31 राज्यों और केंद्र शासित क्षेत्रों के सभी 476 प्रथम श्रेणी के शहरों में स्वच्छता के सभी मापदंडों का सर्वेक्षण किया गया। स्वच्छ भारत रैंकिंग के तहत शीर्ष 100 में दक्षिणी राज्यों के 39 शहरों, पूर्वी राज्यों के 27, पश्चिमी राज्यों के 15, उत्तरी राज्यों के 12 तथा पूर्वोत्तर राज्यों के सात शहर शामिल हैं। सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले 100 शहरों में उत्तरी राज्यों के 74, पूर्वी राज्यों के 21, पश्चिमी राज्यों के तीन और दक्षिणी राज्यों के दो शहर शामिल हैं। मध्य प्रदेश का दमोह सबसे नीचे 476 पर है। 476 शहरों की रैंकिंग में आगरा, इलाहाबाद, कानपुर को क्रमश : 145, 241 और 383वां स्थान प्राप्त हुआ है।

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