नई दिल्ली: एक शेर है कि दुश्मनी लाख कीजिए मगर, खत्म न कीजिए रिश्ता, दिल मिले न मिले हाथ मिलाते रहिए. वहीं राजनीति में कोई स्थायी दोस्त या दुश्मन नहीं होता ऐसी कई मिसालों के बावजूद पंजाब कांग्रेस के अंदरखाने मचा घमासान अभी थमा नहीं है. इस बीच एक बार फिर नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Siddhu) और सीएम चरणजीत सिंह चन्नी (CM Charan Jeet Singh Channi) के बीच की दूरी साफ-साफ नजर आ रही है. 


CM के बेटे की शादी में नहीं पहुंचे सिद्धू


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नवजोत सिंह सिद्धू, सूबे के नए मुखिया से इतने खफा है कि वो उनके बेटे की शादी तक में नहीं पहुंचे. सीएम के घर फंक्शन में जाने के बजाए सिद्धू माता वैष्णो देवी (Vaishno Devi Temple) के दर्शनों के लिए पहुंचे और पंजाब के बिजली संकट (Punjab Electricity Crisis) के मुद्दे पर सरकार को घेरा. पंजाब में थर्मल प्लांटों में कोयला संकट के बीच नवजोत सिंह सिद्धू ने एक बार फिर निजी थर्मल प्लांटों का मुद्दा उठाया है. सिद्धू नव दंपती को आशीर्वाद देने विवाह में तो नहीं पहुंचे लेकिन पंजाब में गहरा रहे बिजली संकट को लेकर ट्वीट किया. इस ट्वीट को मुख्यमंत्री चन्नी के साथ जोड़कर देखा जा रहा है, क्योंकि ऊर्जा (बिजली) विभाग चन्नी के पास ही है.


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लग रही थी अटकलें


सिद्धू रविवार को लखनऊ से सीधा माता वैष्णो देवी के दर्शन के लिए रवाना हुए और कैबिनेट मंत्री विजय इंदर सिंगला व विधायक राजकुमार चब्बेवाल भी उनके साथ थे. मुख्यमंत्री के बेटे का विवाह था, इसलिए सबकी नजरें सिद्धू पर लगी हुई थीं कि वह विवाह के कार्यक्रम में पहुंचेंगे या नहीं. इसका एक बड़ा कारण यह भी है कि चन्नी के मुख्यमंत्री बनने के बाद सिद्धू ने जिस तरह प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया और लखीमपुर खीरी की यात्रा शुरू करने से पहले मुख्यमंत्री के बारे में अपशब्द कहे, उससे यह आशंका जताई जा रही थी कि वह विवाह कार्यक्रम में नहीं आएंगे.


(फोटो साभार: Twitter)


दंड का प्रावधान हो: सिद्धू 


हालांकि कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी हरीश रावत भी विवाह में शामिल हुए, इसलिए यह अनुमान भी लगाया जा रहा था कि सिद्धू आ भी सकते हैं. परंतु सिद्धू सीधे माता वैष्णो देवी के दर्शन करने के लिए जम्मू चले गए. सिद्धू ने ट्वीट में लिखा कि पंजाब को पछताने और मरम्मत करने के बजाय रोकथाम और तैयारी करनी चाहिए, निजी थर्मल प्लांटों को 30 दिनों के लिए कोयला स्टाक नहीं रखने पर दंडित किया जाना चाहिए.