Mamata Banerjee: पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने उत्तर बंगाल में आई विनाशकारी बाढ़ को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने दामोदर घाटी निगम (डीवीसी) को जिम्मेदार ठहराया. भीषण बाढ़ में 23 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है. जबकि एक टूरिस्ट लापता है.
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West Bengal Floods: पश्चिम बंगाल के उत्तरी इलाके में आई भीषण बाढ़ को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने सोमवार कहा कि यह बाढ़ कुदरती नहीं, बल्कि 'मानव-निर्मित' है. सीएम ममता बनर्जी ने दामोदर वैली कॉर्पोरेशन (DVC) को इस बाढ़ के लिए जिम्मेदार ठहराया. उनका आरोप है कि DVC ने बिना कोऑर्डिनेशन के बांधों से पानी छोड़ दिया, जिससे दार्जिलिंग और आसपास के इलाके, जहां शनिवार से भारी बारिश हो रही थी, और ज्यादा प्रभावित हो गए.
कोलकाता एयरपोर्ट से बागडोगरा रवाना होने से पहले ममता बनर्जी ने बताया कि राज्य सरकार ने राहत कार्यों के लिए पूरी तैयारी कर ली है. उन्होंने कहा कि बाढ़ग्रस्त इलाकों में फंसे टूरिस्ट्स को निकालने के लिए सरकार ने 45 बसों की व्यवस्था की है.
VIDEO | North Bengal floods: West Bengal CM Mamata Banerjee says, "All tourists have been rescued, except for one missing at Diamond Harbour. Today, 500 tourists are being brought in, while many were brought by buses yesterday. 250 tourists will be accommodated in Siliguri."… pic.twitter.com/dp00WJ6pzd
— Press Trust of India (@PTI_News) October 6, 2025
उन्होंने आगे बताया कि सभी टूरिस्ट्स को बचा लिया गया है, लेकिन डायमंड हार्बर के एक शख्स को छोड़कर अभी भी लापता है. सीएम ममता बनर्जी ने कहा,'करीब 500 पर्यटकों को पहले ही लाया जा चुका है, और कल बसों से और भी कई पर्यटकों को लाया गया. लगभग 250 पर्यटकों को सिलीगुड़ी में ठहराया जाएगा. जिन होटलों में टूरिस्ट्स फंसे हुए हैं, उन्हें निर्देश दिया गया है कि वे उनसे कोई चार्च न लें या उन्हें घर खाली करने के लिए मजबूर न करें, सरकार ने किसी भी तरह का खर्च उठाने का वादा किया है.
सिर्फ 12 घंटों में हुई 300 मिमी से ज़्यादा बारिश ने भारी तबाही मचाई है. बाढ़ और भूस्खलन की वजह से पूरे इलाके में सड़कें, पुल और घर तबाह हो गए. बनर्जी ने आरोप लगाया कि झारखंड को बाढ़ से बचाने के लिए डीवीसी ने मैथन और पंचेत जलाशयों से 'अपनी मर्जी से' पानी छोड़ा, जिससे बंगाल में हालात और बिगड़ गए.
रिपोर्ट के मुताबिक, दार्जिलिंग के मिरिक, सुखियापोखरी और जोरेबंगलो, तथा जलपाईगुड़ी जिले का नागराकाटा सबसे ज्यादा मुतासिर इलाकों में शामिल हैं. टीमएसी नेता बनर्जी ने कहा, 'हमें उत्तर बंगाल में बाढ़ से अब तक 23 लोगों के मरने की खबर मिली है. दार्जिलिंग, मिरिक और कलिम्पोंग में 18 और नागराकाटा में 5.'
उन्होंने चेतावनी दी कि मृतकों की संख्या और बढ़ सकती है. वहीं, गोरखालैंड प्रादेशिक प्रशासन (जीटीए) के एक अफसर ने बताया कि आपदा के 24 घंटे से भी ज्यादा वक्त बाद भी कई बस्तियों का सड़क से संपर्क कटा हुआ है. उन्होंने बताया कि, 'पूरी ढलानें धंस गई हैं, पुल बह गए हैं. कुछ अंदरूनी गांवों तक जाने के लिए हेलीकॉप्टर की जरूरत पड़ सकती है.'
सीएम ममता बनर्जी ने इस आपदा में जान गंवाने वाले मृतक के परिवारों को लेकर मुआवजे की घोषणा की. उन्होंने ने कहा, 'हम हर एक मृतक के परिजन को 5 लाख रुपये और एक होमगार्ड की नौकरी देंगे.' उन्होंने कहा कि कोई भी रकम जानमाल के नुकसान की भरपाई नहीं कर सकती, लेकिन सरकार मुतासिर परिवारों के साथ पूरी तरह खड़ी है.