Diwali: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने विरोधियों पर निशाना साधा है. लखनऊ में दिवाली मिलन समारोह के दौरान योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 2017 से पहले उत्तर प्रदेश में होली और दिवाली जैसे हिंदू धर्म के त्योहार मुख्यमंत्री आवास और राजभवन में नहीं मनाए जाते थे. उन्होंने कहा कि पहले की सरकारों का पूरा जोर ईद मिलन और इफ़्तार पार्टी पर होता था.
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DNA: पूरे देश में हर तरफ़ दिवाली की उमंग है, दिवाली अपनों से मिलने-मिलाने का अवसर होता है लेकिन दिवाली के त्योहार से ठीक पहले दिवाली मिलन के बहाने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने विरोधियों पर निशाना साधा है. लखनऊ में दिवाली मिलन समारोह के दौरान योगी आदित्यनाथ ने त्योहारों के दौरान तुष्टीकरण की राजनीति करने वालों को आईना दिखाया है.
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 2017 से पहले उत्तर प्रदेश में होली और दिवाली जैसे हिंदू धर्म के त्योहार मुख्यमंत्री आवास और राजभवन में नहीं मनाए जाते थे. हिंदुओं के त्योहारों को नजरअंदाज किया जाता था. पहले की सरकारों का पूरा जोर ईद मिलन और इफ़्तार पार्टी पर होता था. 14 साल के वनवास के बाद भगवान राम के अयोध्या लौटने की ख़ुशी में दिवाली मनाई जाती है लेकिन 2017 से पहले अयोध्या में दिवाली पर भी कोई भव्य आयोजन नहीं होता था.
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— Zee News (@ZeeNews) October 18, 2025
दीपोत्सव हर साल अपना रिकॉर्ड तोड़ रहा है: सीएम योगी
सीएम योगी ने कहा कि आज अयोध्या में दिवाली के दौरान जिस तरह का भव्य कार्यक्रम होता है, उस समय उसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती थी. योगी सरकार बनने के बाद अयोध्या में दीपोत्सव की शुरुआत हुई जिसमें समाज के हर वर्ग की भागीदारी होती है. 2017 से शुरू अयोध्या का दीपोत्सव हर साल अपना रिकॉर्ड तोड़ रहा है. इस बार अयोध्या के दीपोत्सव में 26 लाख से अधिक दीये जलाने का लक्ष्य रखा गया है. साथ ही सरयू की महाआरती के लिए भी ख़ास तैयारी की गई है. अयोध्या में हर साल भव्य दीपोत्सव मनाया जाता है लेकिन तुष्टीकरण की राजनीति करने वालों को ये भी पसंद नहीं आता. वो दीपोत्सव में भी तेल की बर्बादी का बहाना बनाकर विरोध करते हैं.
बता दें, सिर्फ अयोध्या में दीपोत्सव ही नहीं बल्कि दूसरी बातों को लेकर भी पहले की सरकारों पर आरोप लगते थे. अखिलेश सरकार के दौरान ये आरोप भी लगाया गया कि मुहर्रम और ईद पर तो बिजली आती है लेकिन होली और दिवाली पर नहीं. त्योहारों के दौरान बिजली को लेकर भेदभाव का ये आरोप उत्तर प्रदेश में बड़ा चुनावी मुद्दा बना था. समाजवादी पार्टी की तरफ से सफाई के बाद भी हिंदू त्योहारों के दौरान बिजली को लेकर भेदभाव के आरोप लगते रहे.
दूसरी तरफ़ योगी सरकार में सनातन का गौरव लौटा है. पिछले 8 वर्षों के दौरान सनातन के प्रमुख आयोजनों की बात करें तो
- अयोध्या में दीपोत्सव हर साल मनाया जाता है
- काशी में भव्य देव-दीपावली मनाई जाती है
- मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मोत्सव पर भव्य आयोजन होता है
- हर साल कांवड़ यात्रा के दौरान कांवड़ियों के लिए बेहतरीन इंतजाम होता है
- प्रयागराज में महाकुंभ के आयोजन ने तो अब तक का सारा रिकॉर्ड तोड़ दिया
योगी पहले की सरकारों को तुष्टीकरण के लिए घेर रहे हैं. दूसरी तरफ दिवाली से पहले समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव को इस बात से नाराज़ हैं कि हिंदुओं के त्योहार में हिंदुओं से ही ख़रीदारी की अपील क्यों की जा रही है. कन्नौज में इस तरह की अपील की खबर से परेशान अखिलेश ने एक्स पर एक लंबा-चौड़ा पोस्ट लिखा और खरीदारी में भेदभाव न करने की अपील की है लेकिन सत्ता में रहने के दौरान अखिलेश यादव पर हिंदुओं के त्योहारों की अनदेखी करने के आरोप लगते थे.
त्योहारों के दौरान डबल स्टैंडर्ड और तुष्टीकरण का आरोप पश्चिम बंगाल की ममता सरकार पर भी लगता है. बता दें, दिवाली से पहले पश्चिम बंगाल पुलिस अपने सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर घिर गई है. इस पोस्ट में दिवाली के पटाखों के बीच एक डॉग की तस्वीर लगाई गई है और लोगों से अपील की गई है कि वो ज़िम्मेदारी से त्योहार मनाएं. आख़िर ये कहने का क्या मतलब है. क्या ममता बनर्जी की पुलिस लोगों से ये कहना चाहती है कि वो पटाखे न छोड़ें. इस पोस्ट को लेकर लोगों ने कई सवाल खड़े किए हैं. एक व्यक्ति ने तो पूछा है कि क्या पश्चिम बंगाल पुलिस बकरीद पर बकरे की तरफ़ से इस तरह की अपील करती है. क्या पश्चिम बंगाल पुलिस को सारा ज्ञान हिंदू त्योहारों के मौक़े पर ही आता है. क्या सारी नसीहत सिर्फ़ हिंदू त्योहारों के लिए ही है.
इस बीच आपको ये बता दें कि इस बार दिल्ली में सुप्रीम कोर्ट ने शर्तों के साथ ग्रीन पटाखे फोड़ने की इजाजत दी है. लेकिन कुछ लोगों को ये भी पसंद नहीं आ रहा है.