कोरोना महामारी (Coronavirus) ने यूपी में भी कहर मचा रखा है. ऐसे में सीएम योगी ने कोरोना से मारे गए पत्रकारों और अनाथ बच्चों के लिए बड़ी घोषणा की है.
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लखनऊ: कोरोना महामारी (Coronavirus) ने यूपी में भी कहर मचा रखा है. शहरों से लेकर गांवों तक संक्रमितों की लाइन लगी हुई है. कई घरों में परिवार के सभी लोग कोरोना से मारे गए हैं.
ऐसे हालात में दुख से जूझ रहे लोगों के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने बड़ी पहल की है. उन्होंने कोरोना से मरने वाले पत्रकारों (Journalist) के परिजनों को आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है. साथ ही महामारी की वजह से अनाथ हो चुके बच्चों के पालन-पोषण और पढ़ाई का पूरा खर्चा उठाने का ऐलान किया है.
हिंदी पत्रकारिता दिवस पर पत्रकारों को बधाई देते हुए सीएम योगी Yogi Adityanath) ने कहा कि निष्पक्ष पत्रकारिता के लिए जर्नलिस्टों ने बड़ी कीमत चुकाई है. कई पत्रकार हालात की रिपोर्टिंग करते हुए संक्रमण की चपेट में आए और मारे गए. उन्होंने ऐलान किया कि कोरोना से जान गंवाने वाले पत्रकारों के परिजनों को यूपी सरकार 10 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देगी.
उन्होंने कहा कि सहायता राशि पाने के लिए कोरोना के कारण मरने वाले का केवल पत्रकार (Journalist) होना जरूरी है. कोई जरूरी नहीं कि वह मान्यता प्राप्त था या नहीं. अगर कोई पत्रकार पत्रकारिता कर रहा है और उसकी मौत कोरोना वायरस से संक्रमण के कारण हुई है तो उसके परिजनों को यूपी सरकार की ओर से सहायता राशि मिलेगी.
सीएम योगी के निर्देश पर सूचना विभाग ने पहले ही कोरोना से जान गंवाने वाले पत्रकारों का ब्यौरा जुटा लिया था. कोरोना वायरस के कारण मरे पत्रकारों की एक सूची तैयार हो रही है. मृतक पत्रकारों की सूची तैयार होने के बाद सरकार की ओर से इनके परिजनों को 10 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी.
पिछले साल कोरोना संक्रमण की वजह से मारे गए पत्रकारों (Journalist) के लिए योगी सरकार Yogi Adityanath) ने 5-5 लाख रुपये की सहयोग राशि प्रदान की थी. इस बार योगी आदित्यनाथ की सरकार ने इस धनराशि को बढ़ाकर 10 लाख रुपये कर दिया है.
सीएम ने कहा कि कोरोना संक्रमण के कारण अनाथ हुए बच्चों की देखभाल के लिए यूपी सरकार ने 'उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा' योजना को लागू करने का निर्णय लिया है. इस योजना में ऐसे बच्चे शामिल किए गए हैं. जिन्होंने कोविड संक्रमण के कारण अपने माता-पिता अथवा यदि उनमें से किसी एक कमाऊ सदस्य को खो दिया है.
सीएम योगी Yogi Adityanath) ने कहा ऐसे अनाथ बच्चों (Orphan Children) की देखभाल करने वाले अभिभावकों यूपी सरकार हर महीने 4 हजार रुपये प्रति बच्चे के हिसाब से प्रदान करेगी. प्रदेश में 10 साल से कम उम्र के ऐसे बच्चे जिनका दुनिया में कोई नहीं बचा है. उन्हें राजकीय बाल गृहों में रखा जाएगा. प्रदेश में फिलहाल मथुरा, लखनऊ, प्रयागराज, आगरा और रामपुर में ऐसे बाल गृह स्थित हैं.
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मुख्यमंत्री ने कहा कि अवयस्क बच्चियों की देखभाल और उनकी पढाई-लिखाई के लिए उन्हें भारत सरकार की ओर से चलाए जा रहे कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों में रखा जाएगा. यूपी सरकार भी बालिकाओं के लिए ऐसे 18 अटल आवासीय विद्यालय बना रही है. जिनमें इन बच्चियों को रखा जा सकेगा.
उन्होंने कहा कि कोरोना की वजह से अनाथ हुई ऐसी लड़कियों (Orphan Children) की शादी के लिए यूपी सरकार 1 लाख 1 हजार रुपये की राशि मुहैया करवाएगी. इसके साथ ही स्कूल- कॉलेज या तकनीकी संस्थानों में व्यावसायिक शिक्षा ग्रहण कर रहे ऐसे सभी बच्चों को Tablet या Laptop की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी.
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