21 साल पुराने कोयला घोटाला मामले में पूर्व केंद्रीय कोयला राज्य मंत्री दिलीप रे को तीन साल की सजा सुनाई गई है.
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नई दिल्ली: कोयला घोटाला (Coal block scam) मामले में अदालत का बड़ा फैसला आया है. मामले में पूर्व केंद्रीय मंत्री दिलीप रे (Former Central Minister Dilip Ray) समेत तीन दोषियों को 3 साल की सजा सुनाई गई है. 1999 के झारखंड कोल ब्लॉक में अनियमितता से जुड़े मामले की सुनावई करते हुए दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने सजा सुनाई है. कोर्ट ने तीनों दोषियों पर 10-10 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है.
क्या है मामला
बता दें कि अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली तत्कालीन एनडीए सरकार के दौरान दिलीप रे कोयला राज्य मंत्री थे. 1999 में झारखंड के गिरिडीह में ब्रह्मडीह कोयला ब्लॉक के आवंटन में हुई गड़बड़ी में उनका नाम आया. 6 अक्टूबर को, विशेष सीबीआई अदालत ने दिलीप रे को वर्ष 1999 में झारखंड कोयला ब्लॉक के आवंटन में कथित अनियमितताओं से संबंधित कोयला घोटाला मामले में दोषी ठहराया था. अब कोर्ट ने इसी मामले में सजा सुनाई है.
राउज एवेन्यू कोर्ट ने पूर्व केंद्रीय मंत्री के अलावा कोयला मंत्रालय के तत्कालीन दो वरिष्ठ अधिकारी, प्रदीप कुमार बनर्जी और नित्या नंद गौतम, कैस्ट्रोन टेक्नोलॉजीज लिमिटेड (सीटीएल) के निदेशक महेंद्र कुमार अग्रवाल और कैस्ट्रॉन माइनिंग लिमिटेड (सीएमएल) को भी दोषी ठहराया है.
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